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सिलीगुड़ी : अमित व मोदी रथयात्रा की आड़ में भरेंगे हुंकार, कई केंद्रीय मंत्री होंगे शामिल, चुनाव के लिए माहौल बनाने में जुटी भाजपा

पवन अग्रवाल, सिलीगुड़ी : भाजपा ‘ग‍णत्रंत बचाओ, बंगाल बचाओ’ नारे के साथ पूरे पश्चिम बंगाल में विशाल व भव्य रथयात्रा निकालने जा रही है. यह रथयात्रा पूरे राज्म में तीन जगहों कूचबिहार, तारापीठ व गंगासागर से अलग-अलग तिथि को शुरू होगी. तीनों जगहों से निकलनेवाली रथयात्रा में भाजपा राज्य के हरेक जिलों, शहर, कस्बा व […]

पवन अग्रवाल, सिलीगुड़ी : भाजपा ‘ग‍णत्रंत बचाओ, बंगाल बचाओ’ नारे के साथ पूरे पश्चिम बंगाल में विशाल व भव्य रथयात्रा निकालने जा रही है. यह रथयात्रा पूरे राज्म में तीन जगहों कूचबिहार, तारापीठ व गंगासागर से अलग-अलग तिथि को शुरू होगी. तीनों जगहों से निकलनेवाली रथयात्रा में भाजपा राज्य के हरेक जिलों, शहर, कस्बा व गांव से भीड़ जुटाने की कोशिश में लगी है.
तीनों जगहों से निकलने वाली रथयात्रा कोलकाता में एक होगी और वहां ब्रिगेड मैदान में यात्रा का समापन होगा. यहां उल्लेखनीय बात यह है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह सात दिसंबर को कूचबिहार से पहली रथयात्रा का आगाज करेंगे. दूसरी रथयात्रा नौ दिसंबर को तारापीठ से शुरु होगी और तीसरी रथयात्रा 14 दिसंबर को गंगासागर से शुरू होगी.
इन दोनों रथयात्रा का आगाज भाजपा के केंद्रीय मंत्री द्वारा ही की जायेगी. यह रथयात्रा 38वें दिन कोलकाता के ब्रिगेड मैदान में पहुंचेंगी, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनसभा को बतौर वक्ता संबोधित करेंगे और रथयात्रा को पूर्णाहुति देंगे. इससे पहले मोदी सिलीगुड़ी में भी एक जनसभा को संबोधित करेंगे. सात दिसंबर को कूचबिहार से निकलनेवाली रथयात्रा 14 दिसंबर को सिलीगुड़ी पहुंचेगी.
16 दिसंबर को सिलीगुड़ी के कावाखाली में मोदी की विराट जनसभा के बाद रथयात्रा अपने अगले पड़ाव के लिए कूच करेगी. भाजपा की सिलीगुड़ी जिला सांगठनिक इकाई के कार्यकर्ताओं की मानें तो इस रथयात्रा को लेकर केवल अमित शाह या मोदी ही केवल बंगाल में नहीं आ रहे हैं, बल्कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वित्त मंत्री अरुण जेटली, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, जल संसाधन मंत्री उमा भारती, कपड़ा मंत्री स्मृति इरानी, भाजपा के केंद्रीय प्रवक्ता शहनवाज हुसैन के अलावा कई अन्य केंद्रीय मंत्रियों व भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों का भी पूरे बंगाल में दौरा लगाने का कार्यक्रम है.
क्या कहना है राजनैतिक विश्लेषकों का
भाजपा की रथयात्रा को लेकर राजनैतिक विश्लेषकों व माहिर पंडितों की मानें तो भाजपा रथयात्रा के नाम पर पूरे पश्चिम बंगाल में अभी से ही लोकसभा चुनाव का माहौल तैयार करने में जुटी है. सिलीगुड़ी के वरिष्ठ राजनैतिक विश्लेषक रामानंद झा ने राजनीति के अपने वर्षों के तजुर्बे के आधार पर मानना है कि रथयात्रा भाजपा का केवल चुनावी हथकंडा है.
बंगाल में फिलहाल वाम-कांग्रेस अपनी जमीन खोती नजर आ रही है और विधानसभा में भी विरोधी के तौर पर वाम-कांग्रेस का कोई जोर नहीं है. पश्चिम बंगाल में हुए अंतिम निकाय चुनाव व विधानसभा चुनाव के बाद से विरोधी पार्टी के विकल्प के तौर पर भाजपा का माहौल बनते दिखायी दे रहा है. धीरे-धीरे पूरे राज्य में भी भाजपा अपनी स्थिति मजबूत कर रही है.
इसी वर्ष हुए पंचायत चुनाव में भी एक मात्र भाजपा ने ही विरोधी के तौर पर मां-माटी-मानुष की ममता सरकार (तृणमूल कांग्रेस) को करारा जवाब भी दिया और बंगाल में अपनी पकड़ तेज करने का बिगुल भी फूंका. श्री झा का मानना है कि इन्हीं राजनैतिक समीकरण को देखते हुए भाजपा पश्चिम बंगाल में गणतंत्र बचाओ, बंगाल बचाओ नारे के साथ चुनावी रथयात्रा निकाले में जुटी है. उन्होंने पूरे दावे के साथ कहा कि अमित शाह और नरेंद्र मोदी इस रथयात्रा की आड़ में केवल चुनावी हुंकार भरेंगे.
लोकसभा चुनाव से पहले राज्य भर में अपनी स्थित मजबूत करने के लिए ही योगी-राजनाथ जैसे कद्दावर नेताओं को रथयात्रा के दौरान बंगाल का दौरा कराने की राजनैतिक चाल है. श्री झा के इन बातों से तृणमूल कांग्रेस, वाम मोर्चा व कांग्रेस के नेता भी काफी पहले से ही सूर में सूर मिलाते आ रहे हैं.
भाजपा नेताओं का बयान: रथयात्रा से लोकसभा चुनाव का कोई संबंध नहीं
भाजपा नेताओं का कहना है कि गणतंत्र बचाओ, बंगाल बचाओ रथयात्रा से लोकसभा चुनाव का कोई लेना-देना नहीं है. भाजपा की बंगाल में जब से स्थिति सुधरी है तब से ही विरोधी बौखला गये हैं. यहां तक की भाजपा बंगाल में कहीं पर भी किसी भी तरह का कार्यक्रम न करे, इसके लिए ममता सरकार ने पुलिस प्रशासन को अनमुति न देने के लिए कहा है.
साथ ही भाजपा नेता, कार्यकर्ताओं को झूठे मामले में फंसा कर गिरफ्तार करने के लिए भी शासन-प्रशासन को कड़ा निर्देश दिया हुआ है. बंगाल में हालात ऐसे हो रखे हैं कि अब भाजपा को किसी भी कार्यक्रम की अनुमति के लिए हाइकोर्ट का सहारा लेना पड़ रहा है. ममता सरकार के इसी हिटलरशाही और तुगलकी फरमान के विरोध में ही यह रथयात्रा भाजपा निकालने जा रही है. बंगाल में भाजपा के किसी भी कार्यक्रम को लेकर अब विरोधी अधिक चिंतित नजर आ रहे हैं. यह भाजपा के लिए ही सुनहरे भविष्य की ओर इंगित कर रहा है.

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