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पेंटागन में अमेरिकी रक्षा मंत्री से मिलीं सीतारमण, रक्षा संबंध बेहतर बनाने पर बनी सहमति

वॉशिंगटन : भारत और अमेरिका अपने रक्षा एवं सुरक्षा संबंधों को ज्यादा बेहतर बनाने पर सहमत हुए हैं. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और उनके अमेरिकी समकक्ष जेम्स मैटिस द्वारा मौजूदा पहलों की समीक्षा के दौरान यह सहमति बनी. सामरिक साझेदारी के महत्वपूर्ण स्तंभ के तौर पर द्विपक्षीय रक्षा सहयोग मजबूत बनाने के लिए दोनों नेताओं […]

वॉशिंगटन : भारत और अमेरिका अपने रक्षा एवं सुरक्षा संबंधों को ज्यादा बेहतर बनाने पर सहमत हुए हैं. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और उनके अमेरिकी समकक्ष जेम्स मैटिस द्वारा मौजूदा पहलों की समीक्षा के दौरान यह सहमति बनी. सामरिक साझेदारी के महत्वपूर्ण स्तंभ के तौर पर द्विपक्षीय रक्षा सहयोग मजबूत बनाने के लिए दोनों नेताओं ने मौजूदा पहलों की समीक्षा की है.

इस साल सीतारमण और मैटिस के बीच चौथे दौर की वार्ता के लिए सोमवार को मैटिस ने पेंटागन में भारतीय रक्षा मंत्री का स्वागत किया और भारत को भारत-प्रशांत क्षेत्र एवं पूरी दुनिया में स्थिरता प्रदान करनेवाली ताकत करार दिया. मैटिस ने कहा, प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी के शब्दों में अमेरिका और भारत इतिहास की हिचकिचाहटों से उबर गये हैं और दोस्ती की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं तथा इससे स्पष्ट कर रहे हैं कि सामरिक स्वायत्तता और सामरिक साझेदारी के बीच कोई विरोधाभास नहीं है. नयी दिल्ली में एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने रक्षा क्षेत्र में भारत एवं अमेरिका के बीच बढ़ती साझेदारी पर चर्चा की और परस्पर हित के द्विपक्षीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों की व्यापक परिधि पर अपने विचारों का आदान-प्रदान किया.

बयान के मुताबिक, भारत एवं अमेरिका के बीच सामरिक साझेदारी के महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए उन्होंने मौजूदा पहलों की समीक्षा की. इसमें कहा गया, सितंबर 2018 में हुई 2+2 वार्ता के परिणामों एवं उसमें हुई चर्चा के बाबत दोनों पक्ष द्विपक्षीय रक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए. बयान के मुताबिक, सीतारमण ने सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम मेक इन इंडिया के तहत रक्षा क्षेत्र में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए भारत की ओर से उठाये गये कदमों पर जोर दिया. इससे पहले, सीतारमण ने अपनी आधिकारिक यात्रा की शुरुआत विदेश मंत्रालय के फॉगी बॉटम मुख्यालय से की, जहां उन्होंने दिवंगत राष्ट्रपति जॉर्ज एचडब्ल्यू बुश के लिए शोक पुस्तिका में शोक संदेश लिखा. इसके बाद वह आर्लिंगटन नेशनल सीमेट्री गयीं जहां उन्होंने सैनिकों की कब्र पर पुष्पचक्र समर्पित किया.

मैटिस ने कहा, आर्लिंगटन नेशनल सीमेट्री में सुबह अपने देश की ओर से सम्मान व्यक्त करने के लिए हमारे मंत्रालय और हमारे सभी सैन्यकर्मियों की ओर से आपका आभार व्यक्त करता हूं. उन्होंने कहा कि सीतारमण की ओर से पुष्पांजलि अर्पित करना यह दिखाता है कि अमेरिका-भारत सैन्य संबंध केवल शब्दों से ही परिभाषित नहीं हैं, बल्कि दोनों देशों के बलिदान तथा शांति, मित्रता और स्वतंत्रता को लेकर उनकी साझेदारी के मानवीय पहलू पर आधारित हैं. मैटिस ने कहा कि विश्व के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों ने अपने बीच भिन्न संस्कृति तथा भिन्न इतिहास होने के बावजूद नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए सिद्धांतों, मूल्यों और सम्मान को साझा किया है. मैटिस ने कहा, अमेरिका-भारत संबंध विश्व के प्राचीनतम और विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के बीच स्वाभाविक साझेदारी है.

सीतारमण की यह वाशिंगटन डीसी की पहली यात्रा है, लेकिन एक साल में दोनों नेताओं की यह चौथी मुलाकात है जो भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते रक्षा संबंधों को दिखाती है. उन्होंने कहा, सितंबर में आपके देश की मेजबानी में नयी दिल्ली में टू प्लस टू मंत्री स्तरीय वार्ता होने के बाद खास तौर पर अमेरिका भारत रक्षा सहयोग में हमने सार्थक प्रगति की है. मैटिस ने कहा, क्षेत्र में और पूरी दुनिया में शांति और सुरक्षा को आगे बढ़ाने में और इसके लिए एक स्थिरताकारक ताकत के तौर पर भारत के नेतृत्व की अमेरिका सराहना करता है. उन्होंने कहा कि सितंबर में संपन्न टू प्लस टू मंत्री स्तरीय वार्ता ने, अपनी रक्षा भागीदारी को और आगे ले जाने की भारत और अमेरिका की प्रतिबद्धता को भी स्पष्ट कर दिया.अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कहा, आज हम सितंबर में हुए कम्यूनिकेशन्स कम्पैटिबिलिटी एडं सिक्योरिटी एग्रीमेंट (सीओएमसीएएसए) समझौते को लागू करने की दिशा में काम कर रहे हैं.

वार्ता के दौरान दोनों देशों ने सीओएमसीएएसए पर हस्ताक्षर किये थे जो भारत को आधुनिक सैन्य हार्डवेयर प्राप्त करने की अनुमति देता है. सीतारमण ने टू प्लस टू बैठक को ऐतिहासिक घटनाक्रम बताते हुए कहा कि इससे दोनों देशों के बीच रणनीतिक विचार-विमर्श का आधार तैयार हुआ. उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली में सितंबर में संपन्न और अक्तूबर में सिंगापुर में संपन्न टू प्लस टू द्विपक्षीय बैठकें सकारात्मक और सार्थक रहीं. मैटिस के साथ बैठक की शुरुआत में सीतारमण ने कहा कि दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास तथा रक्षा साझेदारी में भरोसा बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि नयी अमेरिका राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों को जो महत्व दिया गया है उससे वह उत्साहित हैं. सीतारमण ने कहा, भारत अमेरिका रक्षा संबंधों की मजबूत नींव वर्षों में पड़ी है. भारत अमेरिका को रक्षा के क्षेत्र में अहम साझेदार के रूप में देखता है. साथ ही उन्होंने कहा कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच बेहतर सहयोग है, इसके अलावा रक्षा, वैज्ञानिक, सह-विनिर्माण और सह-विकास तथा औद्योगिक स्तर पर भी सहयोग का स्तर अच्छा है. यह विश्वास जताते हुए कि द्विपक्षीय वार्ताओं से दोनों देशों के बीच बातचीत और साझेदारी को और तेजी मिलेगी, रक्षा मंत्री ने कहा कि संबंध बहुत मजबूत बने हुए हैं.

सीतारमण ने कहा कि दोनों देशों के बीच हाल में हुई बैठकों ने सकारात्मक तरीके से आगे बढ़ने की दोनों देशों की परस्पर इच्छा को रेखांकित किया है. उच्च-स्तरीय वार्ताएं द्विपक्षीय संबंधों की गहराई और बेहतरी के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर साथ मिलकर काम करने की परस्पर इच्छा को दर्शाती हैं. रक्षा मंत्री ने भारत की संवेदनशीलता पर ट्रंप प्रशासन की प्रतिक्रिया की प्रशंसा की. उन्होंने कहा, खासतौर पर पिछले तीन चार वर्षों में हमने उल्लेखनीय प्रगति की है. साझा लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित हमारे संबंधों को दोनों देशों में मजबूत राजनीतिक तथा जन समर्थन मिल रहा है. आपसी विश्वास बढ़ रहा है तथा रक्षा साझेदारी में भरोसा भी है.

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