पटन : पटना यूनिवर्सिटी में बुधवार को मतदान होना है. मतदान के पहले यूनिवर्सिटी राजनीतिक दलों का अखाड़ा बन गया है. पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव की राजनीति में राजद नेता तेजस्वी यादव कूदते हुए एक के बाद एक ट्वीट कर राजनीति गरमा दी है. वहीं, जदयू ने तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा है कि तेजस्वी को नहीं मालूम कि छात्र संघ का चुनाव कैसे होता है
तेजस्वी ने एक के बाद एक तीन ट्वीट किये, भाजपा-जदयू को लपेटा
पटना विवि छात्र संघ की राजनीति में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव भी सोमवार को कूद पड़े. उन्होंने लगातार तीन टि्वट कर मामले में जदयू के साथ-साथ भाजपा को भी लपेटा. तेजस्वी ने मुख्यमंत्री से पूछा है कि क्या सीएम आवास से अब छात्र संघ चुनाव में भी पैसा और शराब माफियाओं को पद बांटने का खेल खेला जाने लगा है? अधिकारियों को विरोधी छात्र संगठनों और छात्रों को हराने और गिरफ्तार करने का आदेश दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि छात्र संघ चुनाव में मुख्यमंत्री इतने निम्न स्तर तक जाकर हस्तक्षेप कर रहे हैं कि सहयोगी दल भाजपा के आठ विधायक-मंत्री प्रेस रिलीज जारी कर थू-थू कर रहे हैं. तेजस्वी ने कहा कि पिछले साल भी पटना विवि में एबीवीपी के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को फर्जी डिग्री और शपथपत्र के कारण हटा दिया गया. अब उन्हीं फर्जियों को नीतीश कुमार के फर्जी कागजी नेताओं ने फर्जी तरीके से शामिल करा उनसे फर्जी काम करा रहे हैं. फर्जी कागजी लोग पीयू का नाम खराब कर रहे हैं.
जदयू ने राजद नेता पर कसा तंज, कहा- तेजस्वी को नहीं मालूम कैसे होता है छात्र संघ का चुनाव
जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा है कि तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा है कि ”सिर्फ ये बता दें कि छात्रसंघ चुनाव किस कमेटी की सिफारिश पर होता है. यदि वह यह बता देंगे कि छात्रसंघ का चुनाव किस तरह से होता है, तो माना जायेगा कि उन्होंने राजनीति सीखना शुरू कर दिया है.” उन्होंने कहा कि तेजस्वी को आदर्श की बात नहीं करनी चाहिए. छात्रसंघ चुनाव में लोकतांत्रिक तरीके से छात्र जदयू चुनाव लड़ रही है. तेजस्वी की अभी तक की यही पहचान है कि वे लालू प्रसाद के पुत्र हैं और इसी भरोसे ये राजनीति चला रहे हैं.
राजनीतिक दलों को सीधे हस्तक्षेप से बचना चाहिए : भाजपा
भाजपा के विधान पार्षद डॉ नवल किशोर यादव, विधायक मनोज शर्मा, जीवेश मिश्रा और पूर्व विधायक राजीव रंजन ने संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ का चुनाव मूलतः छात्रों का चुनाव है. छात्र राजनीति की मर्यादा बनाये रखने के लिए सभी राजनीतिक दलों को इसमें सीधे हस्तक्षेप से परहेज करना चाहिए. भाजपा नेताओं ने कहा है कि छात्रसंघ चुनावों में पुलिस-प्रशासन की भूमिका विवि प्रशासन की अनुमति से चुनाव के दौरान सुरक्षा-शांति बनाये रखने के मद्देनजर होना चाहिए. छात्रों में पुलिस की गतिविधियों से छात्रों में उनकी पक्षपाती छवि ना स्थापित हो.