नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को राहत देते हुए सूबे में शराब की अवैध बिक्री की जांच को लेकर दायर याचिका ठुकरा दी है. गुजरात, नगालैंड और बिहार में शराबबंदी के बावजूद हो रही राज्यों में शराब की अवैध बिक्री को लेकर जांच के लिए दायर की गयी याचिका पर सोमवार को सुनवाई से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गुजरात, नगालैंड और बिहार इन तीनों राज्य में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध है.
Supreme Court today refused to entertain a PIL seeking an investigation into illegal sale of liquor in Gujarat, Nagaland and Bihar. There is a complete ban on liquor in all these three states. pic.twitter.com/JIQl97FEuK
— ANI (@ANI) December 3, 2018
बिहार में शराबबंदी कानून लागू किये जाने के बाद से सूबे के विभिन्न इलाकों से शराब पकड़े जाने की खबरें लगातार आती रहती हैं. साथ ही शराब की अवैध बिक्री करनेवालों पर नकेल कसते हुए सैकड़ों लोग गिरफ्तार किये जा चुके हैं. इसके बावजूद शराब पकड़े जाने का सिलसिला जारी है. सूबे में शराबबंदी किये जाने से अवैध रूप से शराब का व्यापार करनेवाले ऊंची दर पर शराब बेचते हैं. इसके लिए तस्कर सूबे में शराब लाने के लिए कई हथकंडों का भी इस्तेमाल करते रहे हैं. शराब की अवैध बिक्री की जांच को लेकर यह याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गयी थी.
नीतीश कुमार ने निभाया वादा,मुख्यमंत्री बनने के बाद बनाया बिहार को ड्राई स्टेट
नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के बाद ऐतिहासिक फैसला लेते हुए राज्य में शराबबंदी लागू किया है. देश में बिहार से पहले गुजरात और नगालैंड में शराबबंदी लागू थी. चुनावी सभा के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से वादा किया था कि अगर वह सत्ता में लौटते हैं, तो शराब पर प्रतिबंध लगा देंगे. गौरतलब है कि गुजरात में वर्ष 1960 से शराब पर प्रतिबंध है. साथ ही नगालैंड, मणिपुर और लक्षद्वीप में भी शराब पर रोक है. बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा शराबबंदी लागू किये जाने से बिहार एक ड्राई स्टेट बन गया. बिहार में देसी-विदेशी हर तरह की शराब पर प्रतिबंध लागू है. सूबे के होटल और बार में भी शराब परोसने पर पाबंदी है.