विवेक चंद्र
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने चतरा के इटखोरी में दुनिया का सबसे ऊंचा बौद्ध स्तूप बनाने का आदेश दिया है. पर्यटन विभाग ने स्तूप और प्रेयर व्हील निर्माण की डिजाइन तैयार का काम परामर्शी कंपनी आइडेक को सौंपा है.
आइडेक स्तूप निर्माण के साथ इटखोरी को टूरिज्म सर्किट से जोड़ने की भी योजना बना रहा है. इटखोरी को टूरिज्म सर्किट से जोड़ने की योजना पर लगभग 400 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. इसमें से करीब 200 करोड़ रुपये बौद्ध स्तूप और प्रेयर व्हील के निर्माण पर खर्च होने का अनुमान है.
सीएम के निर्देश पर पर्यटन विभाग इटखोरी को विश्वस्तरीय धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में तैयार करने काे प्रयासरत है. इसके तहत तीन धर्मों की संगम स्थली के रूप में विख्यात इटखोरी को बौद्ध सर्किट से जोड़ा जायेगा.
टूरिज्म सर्किट में बोधगया-कौलेश्वरी-इटखोरी शामिल होंगे. इसके लिए विस्तृत मास्टर प्लान पर आइडेक ने काम शुरू कर दिया है. पहले फेज का डीपीआर भी तैयार हो गया है.
डीपीआर में मां भद्रकाली मंदिर परिसर को विकसित करने की योजना बनायी गयी है. इसके साथ मंदिर परिसर में ही विश्व का सबसे ऊंचा बौद्ध प्रार्थना स्थल भी प्रस्तावित है.
इटखोरी को विश्वस्तरीय धार्मिक स्थल के रूप में तैयार करने के लिए आधारभूत संरचनाएं भी बेहतर की जायेंगी. इटखोरी से गया को जोड़ने वाली सड़क फोर लेन की जायेगी. वहां पांच सितारा होटल सहित अन्य अत्याधुनिक सुविधाओं का निर्माण भी कराया जायेगा. होटल निर्माण के लिए निजी कंपनियों के साथ मिल कर सरकार पीपीपी मोड पर काम करेगी.
बोधगया-कौलेश्वरी-ईंटखोरी बनेगी टूरिज्म सर्किट
मुख्यमंत्री की इच्छा इटखोरी को विश्वस्तरीय धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की है. वहां दुनिया का सबसे ऊंचा स्तूप भी बनाया जायेगा. इसके लिए पर्यटन विभाग को आदेश दिया गया है. पहले फेज के काम का डीपीआर भी तैयार हो चुका है. जल्द ही काम शुरू करने की कोशिश की जा रही है.
डॉ सुनील वर्णवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव