ब्यूनस आयर्स : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सऊदी अरब के वली अहद (क्राउन प्रिंस) मोहम्मद बिन सलमान ने जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर यहां मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच सऊदी अरब का भारत में ऊर्जा, आधारभूत संरचना और रक्षा क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने के लिए नेतृत्व के स्तर पर एक प्रणाली स्थापित किये जाने का फैसला किया गया.
दोनों नेताओं ने बैठक के दौरान आर्थिक, सांस्कृतिक और ऊर्जा संबंधों को आगे बढ़ाने पर चर्चा की. विदेश सचिव विजय गोखले ने बैठक के बाद कहा, यह बैठक गर्मजोशी और दोस्ताना माहौल में हुई. सलमान ने भारत को एक महत्वपूर्ण भागीदार बताया. उन्होंने कहा, इस बारे में विशिष्ट चर्चा हुई कि सऊदी अरब कैसे दो से तीन साल में भारत में विभिन्न क्षेत्रों में अपना निवेश बढ़ा सकता है. सलमान ने कहा कि सऊदी अरब राष्ट्रीय बुनियादी संरचना कोष में शुरुआती निवेश को अंतिम रूप देगा. गोखले ने कहा, उन्होंने प्रौद्योगिकी, कृषि और ऊर्जा क्षेत्रों में निवेश की भविष्य की संभावनाओं का भी जिक्र किया. गोखले ने कहा, दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि ऊर्जा से लेकर खाद्य सुरक्षा और बुनियादी संरचना से लेकर रक्षा तक निवेश, प्रौद्योगिकी और विनिर्माण के संदर्भ में ठोस कदम उठाने की संभावनाओं को लेकर नेतृत्व के स्तर पर प्रणाली तैयार की जायेगी. उन्होंने कहा, यह व्यवस्था जल्दी ही तैयार होगी और हमें उम्मीद है कि अगले दो-तीन साल में भारत में सऊदी अरब का निवेश उल्लेखनीय तरीके से बढ़ेगा.
प्रधानमंत्री ने स्थिर और अनुमानित दायरे में तेल कीमतों के महत्व पर जोर दिया. इस बात पर भी चर्चा हुई कि विशेषकर भारत के लिए कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रखने में सऊदी अरब कैसे मदद कर सकता है. सऊदी अरब भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है. भारत अपनी जरूरत का 19 प्रतिशत कच्चा तेल सऊदी अरब से खरीदता है. गोखले ने कहा, क्राउन प्रिंस सलमान ने सऊदी अरब को बनाने में कई सालों से भारतीयों के योगदान को याद किया और इसके लिए आभार प्रकट किया. मोदी ने मुलाकात के बाद ट्वीट किया, क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद के साथ सार्थक बातचीत हुई. हमने भारत-सऊदी अरब के संबंधों के अनेक पहलुओं और आर्थिक, सांस्कृतिक और ऊर्जा संबंधों को और बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की.
प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने कहा, पिछले कुछ वर्षों में सऊदी अरब गणराज्य एक मूल्यवान साझेदार रहा है. इन संबंधों का विस्तार भारतीय समुदाय से परे अर्थव्यवस्था, ऊर्जा और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों तक हुआ है. द्विपक्षीय और क्षेत्रीय हित के सभी मुद्दों पर चर्चा की जायेगी. पत्रकार जमाल खशोगी की इस्तांबुल के सऊदी दूतावास में दो अक्तूबर को हुई हत्या के बाद यह पहला मौका है जब सलमान ने किसी वैश्विक मंच के कार्यक्रम में हिस्सा लिया हो.