- अब पुलिस इन युवकों के जरिये अन्य आपराधिक घटनाओं की तफ्तीश में भी जुट गयी है.
- बता दें कि शहर में इन दिनों बढ़ी आपराधिक घटनाओं से लोगों में दहशत का माहौल है.
- श्रम मंत्री के आवास के कुछ ही दूरी पर लॉज में रहते थे अपराधी, हो सकता था खतरा
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लूटकांड का खुलासा. मोबाइल में सिम डालते ही एक्टिव हुई पुलिस, लूट के एक मोबाइल व मैगजीन के साथ जमुई से दो अपराधी गिरफ्तार
देवघर : बजरंगी चौक के एसएस जालान रोड स्थित मोबाइल दुकान से 23 नवंबर को हुई लूटकांड का पुलिस ने उद्भेदन कर लिया है. साइबर डीएसपी नेहा बाला के नेतृत्व में टीम लूटकांड में संलिप्त दो अपराधियों को बिहार के जमुई जिला से गिरफ्तार कर देवघर लायी. पुलिस ने अपराधियों के पास से लूटे गये […]
देवघर : बजरंगी चौक के एसएस जालान रोड स्थित मोबाइल दुकान से 23 नवंबर को हुई लूटकांड का पुलिस ने उद्भेदन कर लिया है. साइबर डीएसपी नेहा बाला के नेतृत्व में टीम लूटकांड में संलिप्त दो अपराधियों को बिहार के जमुई जिला से गिरफ्तार कर देवघर लायी. पुलिस ने अपराधियों के पास से लूटे गये सैमसंग के पांच मोबाइल बरामद कर लिये. जबकि अपराधियों के पास से एक मैगजीन भी मिला है.
लूटे गये मोबाइल में सिम कार्ड डालते ही पुलिस ने लोकेशन के आधार पर जमुई जिला के झाझा थानांतर्गत खलासी मुहल्ला मुस्तकीम अंसारी (पिता मुहीन अंसारी) व जमुई जिला के सोनाे थानांतर्गत ढोढरा पैरा मटिहाना के अमरेंद्र कुमार (पिता सुनील कुमार मंडल) गिरफ्तार किया है. पुलिस दोनों से पूछताछ कर रही है. पूछताछ में कुछ पुराने आपराधिक घटना के भी सुराग मिले हैं.
मोबाइल लूटकांड में शामिल अपराधी कद्दावर नेता व राज्य के श्रम मंत्री राज पलिवार के आवास से कुछ ही दूरी पर स्थित एक लॉज में छात्र बनकर रहते थे. घटना के दिन भी अपराधी लूट के बाद रात में लॉज में ही रूके. लेकिन, इसकी भनक किसी को नहीं लगी. एक मंत्री के आवास के बगल स्थित लॉज में अपराधियों का डेरा जमाना कहीं न कहीं पुलिस के कमजोर खुफिया तंत्र को दिखाता है. इन अपराधियों से श्रम मंत्री को भी खतरा हो सकता था. अपराधी मंत्री को भी अपना निशाना बना लेते, इस आशंका से इन्कार नहीं िकया जा सकता है .
लूटकांड में तीन गाड़ियों का इस्तेमाल
मोबाइल डकैती कांड में तीन गाड़ियों का उपयोग में लाने की बात सामने आयी है. तीन गाड़ियों को बरामद करने के लिए लगातार बिहार से लेकर झारखंड के कई जगहों में छापेमारी जारी है. दोनों अपराधियों से पूछताछ की जा रही है. दोनों ने बताया कि लूटकांड में एक केटीएम, एक डिस्कवर व एक स्कूटी का उपयोग किया गया है.
वीडियो में आया है कन्हैया सिंह का चेहरा
वीडियो में कन्हैया सिंह का चेहरा साफ दिख रहा है. उसके द्वारा गोली चलाने की बात सामने आयी है. वह गैंग का सरगना है. वह जमुई जिला के सोनो थाना अंतर्गत सिकंदरा का रहनेवाला है. देवघर में नानी घर में रह रहा था. वह अपना ठिकाना लगातार बदल रहा है. उसे पकड़ने के लिए छापेमारी जारी है. वह पहले भी दहशत फैलाने के आरोप में जेल जा चुका है.
कन्हैया सिंह है गैंग का सरदार
देवघर पुलिस के लिए कन्हैया सिंह सरदर्द बनने लगा है. वह अब तक देवघर में कई घटना को अंजाम दे चुका है. इस बीच वह जेल भी गया है. इस घटना में भी गैंग के सरदार कन्हैया सिंह का नाम सामने आ रहा है. कन्हैया को पकड़ने के लिए उसके बहनोई के अलावा तीन युवकों से पूछताछ हो रही है.
देवघर के लॉज बने अपराधियों की शरणस्थली
देवघर में कई लॉज चल रहे हैं. जिसमें रहने वालों का न तो पुलिस वेरिफिकेशन होता है और न ही उनके पहचान पत्र आदि मकान मालिक के पास होता है. अपराधी चरित्र के युवा छात्र बनकर लॉज में रहते हैं व शहर में वारदात करके बच जाते हैं. कम खर्च में ही उनका गुजारा भी चल जाता है. पुलिस को भी शक नहीं हो पाता. यहां से घटनाओं को अंजाम देकर लॉज में ताला लगाकर भाग जाते हैं. फिर स्थिति सामान्य होने के बाद वापस लौट आते हैं.
गिरोह में कम उम्र के युवा हो रहे शामिल
आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वाला गिरोह अब कम उम्र के युवाओं को शामिल कर रहा है. पैसे व अमीर बनाने का लालच देकर युवाओं का ब्रेन वाश किया जा रहा है. फिर इन्हें आपराधिक वारदात को अंजाम दिला कर उन्हें कुछ रकम थमा दिया जाता है. लूटकांड में शामिल सभी युवक कम उम्र के हैं व अंतरराज्यीय स्तर के अपराधी हैं. दो प्रांत का मामला होने से भागने में मदद मिलती है.
पुलिस का सहयोग नहीं कर रहे मकान मालिक
देवघर में बढ़ते अपराध पर काबू पाने के लिए पुलिस कई बार मकान मालिकों को अपने यहां रहने वाले किरायेदार की जानकारी देने व वेरिफिकेशन कराने की अपील कर चुकी है. पुलिस की अपील का भी मकान मालिकों पर असर नहीं पड़ रहा. घटना के बाद जब अपराधी भाग जाते हैं व पुलिस छापेमारी करने पहुंचती तो ऐसे मामलों में मकान मालिक कानूनी पेच में भी फंस जाते हैं. सहयोग नहीं मिलने के कारण भी अपराध के मामलों में इजाफा हुआ है.
लूटकांड के पहले व बाद में भी की रेकी
पूछताछ में दोनों ने बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद माहौल जानने के लिए दोबारा रेकी की थी. पुलिस की गतिविधि व सारी बातों से अवगत होने के बाद वे वापस झाझा चले गये.
कौन थे टीम में: पुलिस उपाधीक्षक नेहा बाला साइबर थाना देवघर, थाना प्रभारी सह इस्पेक्टर विनोद कुमार, दारोगा श्रीकात वाजपेयी, दारोगा भोला प्रसाद यादव, दारोगा प्रमोद कुमार, दारोगा महेंद्र नाथ दुबे, दारोगा परमानंद पाल, सशस्त्र रियाजुल हक, विश्वजीत कुमार, कृष्णा पूर्ति, लक्ष्मण चौधरी.
कम समय में अमीर बनने के चक्कर में लूटा
सभी युवक मध्यम परिवार के है. कम समय में ही अमीर बनने के चक्कर में युवकों ने गलत रास्ता अपनाया. सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण अपराधियों के लिए देवघर सुरक्षित जगह बन गया है. जमुई व बांका समेत आसपास के अपराधी देवघर में आसानी से आपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर भाग जाते हैं. मोबाइल लूटकांड में शामिल अपराधी भी यहां घटना को अंजाम देकर वापस लौट गये. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस तरह की घटनाओं में हासिल किये गये सामानों को अपराधी सुदूर क्षेत्रों में कम दाम पर बेच डालते हैं. जिससे वे मोटे पैसे कमाते हैं.
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