करतारपुर : पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच शांति बहाल होनी चाहिए तथा हिंसा रुकनी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि करतारपुर गलियारा दोनों पड़ोसी देशों के लोगों के दिलों को जोड़ने का एक अहम अवसर है.
सिद्धू ने पाकिस्तान में करतारपुर गलियारे के शिलान्यास समारोह में भाग लिया. उन्होंने कहा कि दोनों सरकार को महसूस करना चाहिए कि उन्हें आगे बढ़ना है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को गलियारे का शिलान्यास किया. यह गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के गुरदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा को जोड़ेगा. करतारपुर साहिब पाकिस्तान में रावी नदी के पार स्थित है और डेरा बाबा नानक से करीब चार किलोमीटर दूर है. प्रथम सिख गुरु ने 1522 में इस गुरुद्वारे की स्थापना की थी. माना जाता है कि करतारपुर में ही सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी ने अंतिम सांस ली थी. इस गलियारे से भारतीय सिख श्रद्धालु करतारपुर में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब तक वीजा रहित यात्रा कर सकेंगे. इस गलियारे के छह महीने के भीतर बनकर तैयार होने की उम्मीद है.
सिद्धू ने इस पहल के लिए अपने मित्र इमरान खान को बधाई दी और उम्मीद जतायी कि दोनों राष्ट्रों के बीच प्यार और शांति होगी. उन्होंने कहा कि काफी खून-खराब हो चुका है और यह गलियारा लोगों के दिलों को जोड़ने का एक बड़ा मौका होगा. उन्होंने कहा, हिंसा रुकनी चाहिए और क्षेत्र में शांति लौटनी चाहिए. सिद्धू ने कहा कि गुरु नानक देव के आशीर्वाद से दोनों राष्ट्रों को बिना किसी डर के भाईचारे का रास्ता तलाशना चाहिए और सद्भाव में रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि दोनों देशों के बीच की सीमाएं खुलती हैं, तो पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों और यहां तक कि अन्य देशों के लिए भी माल ढुलाई संभव होगी. सिद्धू ने कहा, यह मेरी उम्मीद है, यह मेरा सपना है. जबतक मेरी रगों में खून है, मैं दोनों सरकारों का धन्यवाद देता रहूंगा.
उन्होंने कहा, मेरे पिताजी मुझसे कहा करते थे कि पंजाब मेल लाहौर तक जाती थी, मेरा मानना है कि यह पेशावर तक, अफगानिस्तान तक जा सकती है. उन्होंने कहा कि उनके बड़े दिलवाले मित्र इमरान खान ने अपना वादा पूरा किया और गलियारे के लिए 70 साल की प्रतीक्षा को समाप्त कर दिया.