- 11 घंटे का रास्ता घटकर रह जायेगा छह-सात घंटे का
- 2013 में हुआ समझौता, अब बनने जा रहा है हकीकत
- भारतीय रेलवे ने परियोजना के लिए जारी किये और 11 करोड़ रुपये
Advertisement
बांग्लादेश के रास्ते पास आयेंगे सिलीगुड़ी व कोलकाता, पटरियां बिछाने का काम युद्ध स्तर पर जारी
हल्दीबाड़ी (कूचबिहार) : अविभाजित भारत की यादों को ताजा करते हुए भारत और बांग्लादेश के बीच हल्दीबाड़ी से चिलाहाटी होते हुए बांग्लादेश के रास्ते कोलकाता रेलमार्ग पर इन दिनों तेजी से काम चल रहा है. भारतीय रेल ने इसके लिए इस साल मार्च में 31 करोड़ रुपये के बाद नवंबर में फिर 11 करोड़ रुपये […]
हल्दीबाड़ी (कूचबिहार) : अविभाजित भारत की यादों को ताजा करते हुए भारत और बांग्लादेश के बीच हल्दीबाड़ी से चिलाहाटी होते हुए बांग्लादेश के रास्ते कोलकाता रेलमार्ग पर इन दिनों तेजी से काम चल रहा है. भारतीय रेल ने इसके लिए इस साल मार्च में 31 करोड़ रुपये के बाद नवंबर में फिर 11 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं.
उधर, बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार भी 80 करोड़ 17 लाख बांग्लादेशी टाका इस परियोजना पर खर्च कर रही है. वहां आम चुनाव के बाद जनवरी, 2019 से इस परियोजना का काम और तेजी पकड़ेगा. यह जानकारी बांग्लादेश के नीलफामारी जिले के अवामी लीग अध्यक्ष और वहां के मेयर कमाल अहमद ने दी है.
हल्दीबाड़ी रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर सत्यजित तिवारी ने बताया कि हल्दीबाड़ी से चिलाहाटी की ओर जीरो प्वाइंट तक 3.05 किमी में से तीन किमी तक काम समाप्त हो गया है. यहां ओवरब्रिज, इलेक्ट्रॉनिक सिगनलिंग प्रणाली, 560 मीटर लंबा नया प्लेटफार्म, 60 किलो की जगह 90 किलो का स्लीपर बैठाकर सात रेल पटरियां बिछायी जा रही हैं
. इनमें से पांच पर मालवाही और यात्री ट्रेनें गुजरेंगी. बाकी दो का इस्तेमाल वीआइपी सैलून और इंजन के लिए होगा. उन्होंने बताया कि पहले एक ही प्लेटफार्म था. अब दो और बन रहे हैं.
चालकों के लिए विश्रामघर, स्टाफ क्वार्टर, टिकट काउंटर व अन्य आधारभूत सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार, इस साल मार्च में हल्दीबाड़ी स्टेशन से चिलाहाटी की ओर सीमा पर लगी कांटेदार बाड़ से ठीक पहले तक करीब तीन किमी नवनिर्मित रेलमार्ग पर इंजन परीक्षण के तौर पर चलाया गया था.
हल्दीबाड़ी स्थित हजूर साहेब मजार कमेटी के सह सचिव बुलु रहमान ने बताया कि 60 के दशक तक सिलीगुड़ी जंक्शन से दार्जिलिंग मेल जलपाईगुड़ी टाउन, हल्दीबाड़ी, चिलाहाटी, डोमार, टोड़नबाड़ी, नीलफामारी, सईदपुर, दर्शना, पार्वतीपुर और बेनापोल सीमा होते हुए कलकत्ता या चित्तपुर स्टेशन पहुंचती थी. लेकिन 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद यह रेलमार्ग बंद हो गया. अभी हल्दीबाड़ी, जलपाईगुड़ी या एनजेपी से सियालदह जाने पर करीब 600 किमी की यात्रा पूरी करने में 10-12 घंटा लगता है. लेकिन चिलाहाटी से बांग्लादेश होते हुए 450 किमी की यह दूरी पूरी करने में 6-7 घंटे समय लगेंगे.
उल्लेखनीय है कि यह रेलमार्ग ईस्टर्न बेंगॉल रेलवे ने 1876 में शुरू किया था. नीलफामारी जिले के अवामी लीग नेता कमाल अहमद ने बताया कि बांग्लादेश की तरफ सात किमी में से तीन किमी तक रेलमार्ग का काम पूरा हो गया है. बाकी चार किमी का काम दिसंबर में आम चुनाव के बाद शुरू होगा.
उधर, मेखलीगंज से तृणमूल विधायक अर्घ्य राय प्रधान ने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सहमति से ही 2013 में शेख हसीना और डॉ मनमोहन सिंह के बीच छींटमहल के साथ रेलमार्ग निर्माण को लेकर समझौता संभव हुआ था. उनका मानना है कि रेलमार्ग के निर्माण कार्य में और तेजी आनी चाहिए. उन्होंने मंगलवार को हल्दीबाड़ी स्टेशन का जायजा भी लिया.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement