नयी दिल्ली/रांची : प्रगति मैदान में चल रहे भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में खादी मंडप लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इस मंडप में खादी की ‘मोदी जैकेट’ और ‘मोदी कुर्ते’ की खूब मांग है. मंडप में खादी के कपड़ों से लेकर ग्रामीण उद्यमों में तैयार शहद, तिलपट्टी और दूसरे उत्पाद भी ग्राहकों को लुभा रहे हैं. 38वें व्यापार मेले के हाल नंबर सात में खादी इंडिया का मंडप लगा है. इसमें खादी इंडिया के सूती और सिल्क खादी के जैकेट, कुर्ता-पजामा के अलावा ग्रामीण उद्यमों में तैयार कपड़े, दवा, शहद, चमड़े का सामान, मिठाई आदि तमाम उत्पादों के स्टाल लगे हैं. झारखंड राज्य खादी ग्रामोद्योग ने भी मंडप में अपना स्टॉल लगाया है. आईआईटीएफ 2018 में झारखंड को फोकस राज्य बनाया गया है.
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खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने इस संबंध में पूछे जाने पर बताया कि आईआईटीएफ 2018 में इस बार खादी मंडप में बिक्री काफी अच्छी है. लोगों की खादी में रूचि बढ़ी है. मेले में सबसे ज्यादा भीड़ खादी मंडप में हो रही है. इसे देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि इस बार व्यापार मेले में खादी कपड़ों की बिक्री में 45 फीसदी से अधिक वृद्धि हासिल होगी.
सक्सेना ने बताया कि खादी में मोदी जैकेट अब तक सूती और रेशमी कपड़े में बेची जा रही थी. अब ऊनी कपड़े में भी मोदी जैकेट को बाजार में उतारा गया है. कनाट प्लेस स्थित खादी आउटलेट में एक कार्यक्रम के दौरान शनिवार को ऊनी मोदी जैकेट को पेश किया गया है. महात्मा गांधी की जन्मशती के 150वें वर्ष में खादी मंडप का महत्व और भी बढ़ जाता है. महात्मा गांधी का खादी से खास लगाव रहा है. खादी मंडप में प्रवेश करते ही सामने गांधी जी की मूर्ति लगायी गयी है. दर्शकों के लिए यह स्थान गांधीजी की मूर्ति के साथ सेल्फी खींचने का आकर्षण भी बना हुआ है.
सक्सेना ने बताया कि पिछले साल आईआईटीएफ में खादी इंडिया ने 1.86 करोड़ रुपये का कारोबार किया था. हालांकि, इस बार मेला छोटी जगह पर लगा है, इसमें कम स्टॉल हैं, इसके बावजूद हमें उम्मीद है कि पिछले साल के मुकाबले आनुपातिक आधार पर खादी इंडिया की बिक्री में 45 फीसदी से अधिक की वृद्धि होगी. राजस्थान जयपुर से ‘श्री श्याम तिलपट्टी उद्योग’ में ब्यावर, राजस्थान की तिलपट्टी से बनी पट्टी और दूसरी मिठाइयों का स्टाल भी मंडप में है.
इसमें ‘सिंगल तिलपट्टी’ का खास आकर्षण है. सिंगल तिलपट्टी से तात्पर्य है कि यह पट्टी बहुत पतली है, इसमें एक के ऊपर दूसरा तिल चढ़ा हुआ आपको नहीं मिलेगा. ज्यों ज्यों व्यापार मेला आगे बढ़ रहा है, लोगों की भीड़ इसमें बढ़ती जा रही है. हालांकि, इस बार मेला कम जगह पर लगा है. इसलिए मेला प्रशासन ने प्रतिदिन अधिकतम 25,000 लोगों को ही इसमें प्रवेश देने का फैसला किया है.