बीजिंग : चीनी विदेशमंत्री वांग यी के साथ सीमा वार्ता के 21वें दौर के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल शुक्रवार को चीन पहुंचे. इस दौरान दोनों वुहान में अप्रैल में हुए शिखर सम्मेलन के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा भी करेंगे. डोभाल और वांग चीन के सिचुआन प्रांत के खूबसूरत दुजियांगयान सिटी में शनिवार को मुलाकात करेंगे. दोनों भारत और चीन के बीच सीमा वार्ता के लिए विशेष प्रतिनिधि हैं. इससे पहले वांग ने यांग जिएची से स्टेट काउंसिलर की जिम्मेदारी ली थी.
चीन सरकार के पदानुक्रम में स्टेट काउंसिलर का पद विदेश मंत्री से ऊपर होता है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने 21 नवंबर को दोनों देशों के बीच के रिश्ते की सुंदर तस्वीर पेश करते हुए कहा, हमने वार्ता और संपर्क के माध्यम से अपने मतभेद का प्रबंध उचित रूप से किये. कुल मिला कर सीमा के इलाकों में स्थिरता रही. वुहान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच पहली अनौपचारिक शिखर बैठक के बाद दोनों देशों ने व्यापार अधिकारियों के बीच संवाद शुरू किया है ताकि चीन-भारत कारोबार में 51 अरब डालर की भरपाई के लिए चीन को भारतीय निर्यात में इजाफा किया जा सके.
अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद से भारत से चीन को चावल, चीनी और दवाओं के निर्यात में इजाफे की दिशा में प्रगति हुई है. उम्मीद की जा रही है कि कल की वार्ता में इसकी समीक्षा की जायेगी. भारत-चीन सीमा विवाद के दायरे में दोनों देशों के बीच की 3488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा आती है. चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का एक हिस्सा बताता है. सीमा वार्ता का पिछला दौर नयी दिल्ली में डोभाल और यांग के बीच हुआ था. यह वार्ता डोकलाम पर 73 दिन चली तनातनी की पृष्ठभूमि में हुई थी. इसका समापन तब हुआ जब जन मुक्ति सेना ने वहां सड़क बनाने की अपनी योजना बंद की.