पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री व राजद नेता तेजस्वी यादव शुक्रवार को दिल्ली से पटना लौटे. इस मौके पर तेजस्वी यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए बिहार सरकार पर जमकर हमला बोला है. साथ ही उन्होंने बंगले की ओर सीसीटीवी लगाये जाने और बाद में हटाये जाने को लेकर भी निशाना साधा.
जानकारी के मुताबिक, पूर्व उपमुख्यमंत्री व राजद नेता तेजस्वी यादव शुक्रवार को दिल्ली से पटना लौटने पर पत्रकारों से बात करते हुए बिहार सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार में घोटालों की भरमार है. सृजन घोटाले के आरोपितों में से अब तक किसी बड़े नाम को गिरफ्तार नहीं किया गया. वहीं, सूबे में एक और घोटाला सामने आ गया है. उन्होंने बताया कि मुजफ्फरपुर और दरभंगा के नजारत कार्यालय की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर वित्तीय गड़बड़ी की गयी है. बिहार में 233 करोड़ का एक और घोटाला! सभी जिलों का ऑडिट कराये जाने पर अबतक का सबसे बड़ा घोटाला. सृजन घोटाले जैसे 35 अन्य घोटालों की तरह ‘घोटाला बाबू’ इसमें भी सम्मिलित हैं. मालूम हो कि महालेखाकार कार्यालय ने ऑडिट रिपोर्ट में बड़े पैमाने पर वित्तीय गड़बड़ी पकड़ी है. सीएजी रिपोर्ट से स्पष्ट है कि जान-बूझ कर वित्तीय अनियमितताएं की गयी हैं. सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार मुजफ्फरपुर में साल 2011 से 2016 तक 102 करोड़ और दरभंगा में 131 करोड़ की वित्तीय अनियमितताएं हुई हैं.
पेट्रोल-डीजल की ऊंची कीमतों पर कहा किपेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी से आम जनता परेशान है. गरीब का पैसा टैक्स के बहाने निकाला जा रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री के 15 वर्षों के कार्यकाल में बिहार सरकार के खजानों से निकाली गयी राशि की जांच कराये जाने की भी मांग की.
वहीं, सीसीटीवी को लेकर भी तेजस्वी यादव ने सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अगर सुरक्षा के दृष्टिकोण से कैमरा लगाया गया था, तो हटाया क्यों गया? साथ ही कहा कि जब 24 घंटे गार्ड तैनात रहते हैं, तो सीसीटीवी की जरूरत ही क्या है. अभी जहां सीसीटीवी लगाया गया था, वहां से हमारे आवास की खिड़की खोले जाने पर सीधे बेडरूम तक देखा जा सकता था.
ट्वीट कर लालू प्रसाद को बताया मसीहा
तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर लालू प्रसाद यादव को गरीबों का मसीहा बताया है. उन्होंने लिखा है कि जनता उन्हें प्यार करती है. वह सांप्रदायिक सद्भाव के प्रतीक हैं. उन्होंने समाज के बैकबेंचर्स को आवाज दी है. वह उनकी आशा और आकांक्षाओं के प्रतीक हैं. इसलिए भाजपा जैसे जाति और वर्ग आधारित पार्टियां उनसे डरती हैं.