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पटना : शराबबंदी से श्रमिक वर्ग के परिवार अधिक खुश, सभी श्रमिकों का हो निबंधन बढ़ें सुविधाएं : मुख्यमंत्री नीतीश

पटना : प्रदेश में निर्माण कार्य से जुड़े श्रमिकों के निबंधन में तेजी लाएं जिससे उन सभी को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके. श्रमिकों के लिए राशि की कमी नहीं है, इसलिए तय करें कि इन्हें किन सुविधाओं और योजनाओं का लाभ दिया जा सकता है. फिलहाल राज्य में 11 लाख श्रमिकों का निबंधन […]

पटना : प्रदेश में निर्माण कार्य से जुड़े श्रमिकों के निबंधन में तेजी लाएं जिससे उन सभी को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके. श्रमिकों के लिए राशि की कमी नहीं है, इसलिए तय करें कि इन्हें किन सुविधाओं और योजनाओं का लाभ दिया जा सकता है. फिलहाल राज्य में 11 लाख श्रमिकों का निबंधन हो चुका है. ये बातें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहीं. वे गुरुवार को पटना में दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान के भवन का उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे.
नीतीश ने कहा कि बड़े लोगों के नाम पर योजना चलायी जाती है, लेकिन 20-22 साल तक पहाड़ काट कर रास्ता बनाने वाले दशरथ मांझी के नाम पर योजना चल रही है. शराबबंदी से समाज में खुशहाली आयी है.
खास कर श्रमिक वर्ग के परिवार अधिक खुश हैं. कुछ पढ़े-लिखे लोग शराबबंदी से नाराज हैं, लेकिन सभी नहीं. शराब का धंधा करने वाले इक्का-दुक्का नहीं सुधरे, गड़बड़ करते हैं. उन्होंने कहा कि सात निश्चय योजना के अंतर्गत कुशल युवा कार्यक्रम चलाया गया है जिसमें संवाद कौशल, कंप्यूटर का ज्ञान एवं व्यवहार कौशल की जानकारी दी जाती है. शिक्षा विभाग के अंतर्गत अल्पसंख्यक समाज की महिलाओं के लिए हुनर कार्यक्रम चलाया गया है.
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, भवन निर्माण मंत्री महेश्वर हजारी, श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा, श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह और चाणक्य राष्ट्रीय विधि विवि की वीसी मृदुला मिश्रा ने समारोह को संबोधित किया. इस दौरान वित्त विभाग के प्रधान सचिव डॉ एस सिद्धार्थ, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार, विज्ञान एवं प्राैद्योगिकी विभाग की प्रधान सचिव हरजोत कौर, मुख्यमंत्री सचिवालय के प्रधान सचिव चंचल कुमार और मुख्यमंत्री के सचिव मनीश कुमार वर्मा मौजूद रहे.
निजी आईटीआई की हालत खराब
सीएम ने कहा कि निजी आईटीआई की हालत खराब है. सरकारी आईटीआई में नये भवन निर्माण कराये जा रहे हैं. सभी जिलों में कम से कम एक महिला आईटीआई और सभी अनुमंडल में एक-एक सामान्य आईटीआई खोला गया है.
श्रमिकों की कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए दें प्रशिक्षण
सीएम ने कहा कि कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए श्रमिकों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए. वर्ष 2005 में बिहार में सरकार बनाने के बाद से श्रमिकों की स्थिति सुधारने के प्रयास शुरू हुए. इससे पंजाब और भूटान सहित अन्य प्रदेशों और देशों में जाने वाले श्रमिकों की संख्या में कमी आयी. मॉरिसस में तो बिहार मूल के 51 प्रतिशत लोग हैं.
मुख्यमंत्री राहत कोष से दिया गया फंड
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष से श्रम संसाधन विभाग को फंड दिया गया है ताकि जरूरत पड़ने पर श्रमिकों की सहायता की जा सके. निबंधित श्रमिकों के लिए वार्षिक चिकित्सा सहायता योजना की गुरुवार को शुरुआत की गयी है. इससे श्रमिकों की चिकित्सा में सहायता के लिए उनके खाते में राशि का हस्तांतरण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कौशल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था, जिसमें बिहार के 19 लोगों में से 11 लोगों को पुरस्कृत किया गया है. ये लोग अब एशिया स्तर और बाद में विश्व स्तर के कौशल प्रतियोगिता में भाग लेंगे.
किये गये कई समझौते
इस अवसर पर दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान और अन्य कई संस्थानों के बीच समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किये गये. इसमें वीवी गिरी राष्ट्रीय श्रम संस्थान, एएसएमएसीएस शामिल हैं.
इस अवसर पर कौशल प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन करने वाले युवाओं को सम्मानित किया गया. इन संस्थानों से श्रमिकों को कानून की जानकारी मिलेगी और कानून के पालन में उन्हें आसानी होगी. लोकतंत्र की मजबूती के लिए लोगों में कानून की समझ होनी चाहिए और कानून का पालन करने के लिए जागरूक भी होना चाहिए.
श्रमिकों को दें जानकारी
उन्होंने कहा कि श्रम संसाधन विभाग श्रमिकों के तकनीकी ज्ञान, न्याय संबंधी और बेहतर कुशलता की जानकारी दी. साथ सामाजिक सरोकार से जुड़े कार्यों और बच्चों को शिक्षित करने के प्रति भी जागरूक करे.
बाल विवाह और दहेज प्रथा जैसी सामाजिक कुरीतियों के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए. कम उम्र में गर्भधारण करने से महिलाएं मौत की शिकार होती हैं. साथ ही जन्म लेने वाले बच्चे बौनेपन सहित कई बीमारियों के शिकार होते हैं.
दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान के भवन का उद्घाट
पटना : दशरथ मांझी के बाद दूसरे मांझी को भी बैठाया था कुर्सी पर
पटना : पहाड़ पुरुष कहलानेवाले दशरथ मांझी के कठिन परिश्रम और संकल्प को मुख्यमंत्री ने याद किया. कहा कि इसी संकल्प के कारण दशरथ मांझी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया. इसकी खबर अगले दिन के अखबारों में आठ लाइन की हेडलाइन बनी.
दशरथ मांझी के बहाने उन्होंने बिना नाम लिये पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की ओर इशारा करते हुए कहा कि एक दूसरे मांझी को भी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया था. इसे लोगों ने देखा है. दूसरे तो अलग ही चीज निकले. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रहने के दौरान दशरथ मांझी उनके जनता दरबार में पहुंचे थे.
जब जनता दरबार खत्म हो गया तो दशरथ मांझी को सम्मान देने के भाव से अपनी कुर्सी पर बैठा दिया था. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के द्वारा उन्हें धोखेबाज कहे जाने पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की है.उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के द्वारा यह कहा जाना कि मांझी को मुख्यमंत्री बनाया और वह उन्हें धोखा देकर चले गये, यह बिल्कुल ही गलत है.

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