नयी दिल्ली : महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि माकपा ने यौन उत्पीड़न की शिकायतों की जांच के लिये एक आंतरिक समिति गठित की है. मंत्रालय ने उल्लेख किया कि अब तक माकपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है, जिसने इस मामले में उसके आधिकारिक पत्र का जवाब दिया है. ‘मी टू’ अभियान की पृष्ठभूमि में महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने 18 अक्टूबर को सभी राजनीतिक दलों से अनुरोध किया था कि वे यौन उत्पीड़न की शिकायतों की जांच के लिये तुरंत आंतरिक समिति गठित करें.
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मेनका ने कहा कि उन्होंने छह राष्ट्रीय दलों और 59 क्षेत्रीय पार्टियों को पत्र लिखकर यौन उत्पीड़न के खिलाफ आंतरिक शिकायत समिति का गठन करने और इसकी सूचना अपनी वेबसाइटों पर देने के लिए कहा था. डब्ल्यूसीडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि माकपा एकमात्र ऐसी पार्टी है, जिसने इस मामले में उसके आधिकारिक पत्र का जवाब दिया.
मेनका को लिखे पत्र में माकपा की केंद्रीय समिति ने कहा कि 2013 में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) कानून की राजपत्रित अधिसूचना के तुरंत बाद उसने आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) का गठन किया. इसने कहा कि माकपा की पार्टी कांग्रेस के अनुसरण पर हर तीन साल में आईसीसी का पुनर्गठन होता है. आईसीसी के सदस्य हैं : मरियम धावले (समिति की अध्यक्ष), वी मुरलीधरण (सदस्य) एवं कीर्ति सिंह (बाह्य सदस्य) और इसकी सूचना पार्टी की आधिकारिक वेबसाइट पर दे दी गयी है.