नयी दिल्ली : भारतीय सुपरस्टार एम सी मैरीकॉम (48 किग्रा) ने अपने छठे विश्व खिताब की ओर मजबूत कदम बढ़ाते हुए गुरुवार को यहां केडी जाधव हाल में दसवीं महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के फाइनल में प्रवेश किया. जबकि लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा) को अंतिम चार में हारकर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा.
लंदन ओलंपिक की कांस्य पदकधारी मैरीकॉम ने अपने अपार अनुभव और रणनीति के अनुसार खेलते हुए लाइट फ्लाईवेट सेमीफाइनल में उत्तर कोरिया की किम हयांग मि को सर्वसम्मत फैसले में 5-0 से पराजित किया.
वहीं 21 साल की लवलीना को वेल्टरवेट सेमीफाइनल में चीनी ताइपे की चेन निएन चिन के खिलाफ 0-4 से हार का मुंह देखना पड़ा. रैफरी ने लवलीना का तीसरे दौर में एक अंक काटा. भारतीय मुक्केबाज पहले भी इस मुक्केबाज से खेल चुकी हैं और तब भी वह उससे हार गयी थी.
चीनी ताइपे की मुक्केबाज अब फाइनल में चीन की दूसरी वरीय होंग गू के सामने होगी, जिन्होंने जर्मनी की तीसरी वरीय नादिने अपेट्ज को 4 -1 से मात दी. भारत की दो अन्य मुक्केबाज सोनिया (57 किग्रा) और सिमरनजीत कौर (64 किग्रा) शुक्रवार को सेमीफाइनल में क्रमश: उत्तर कोरिया की जो सोन ह्वा और चीन की डान डोऊ के खिलाफ भाग्य आजमायेंगी.
अपने छठे स्वर्ण और चैम्पियनशिप में सातवें पदक की कोशिश में जुटी मैरीकॉम ने पिछले साल एशियाई चैम्पियनशिप के फाइनल में इस उत्तर कोरियाई मुक्केबाज को मात दी थी, जो काफी फुर्तीली और आक्रामक खेलती है.
मणिपुर की इस मुक्केबाज ने अपने सटीक, जानदार मुक्कों से तीनों जज से 29-28, 30-27, 30-27, 30-27, 30-27 अंक हासिल किये. अब वह 24 नवंबर को होने वाली खिताबी मुकाबले में यूक्रेन की हन्ना ओखोटा से भिड़ेंगी, जिन्होंने जापान की विश्व चैम्पियनशिप की कांस्य पदक विजेता मडोका वाडा को 5-0 से हराया.
मैरीकॉम ने हाल में सितंबर में पोलैंड में हुई सिलेसियान मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में यूक्रेन की हन्ना ओखोटा को हराकर फाइनल में प्रवेश कर स्वर्ण पदक हासिल किया था. पैंतीस वर्षीय मैरीकॉम का उत्साह बढ़ाने काफी दर्शक मौजूद थे, जिन्होंने हर पंच पर तालियां बजाकर उनका उत्साहवर्धन किया.
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मैरीकॉम से यह पूछने पर कि क्या यह अब तक का सबसे कठिन मुकाबला था तो उन्होंने कहा, मैंने उसे वियतनाम में हुई एशियाई चैम्पियनशिप के फाइनल में हराया था. मैं थोड़ा सतर्क थी. कोई भी मुक्केबाज हार या जीत हासिल करता है, हर मुकाबले से कुछ न कुछ सीखता है. हमने उस मुकाबले का आकलन किया था कि मेरी कमजोरी क्या थी, कैसे खुद को सुधारा जाये। रक्षण और आक्रामक होने की रणनीति बनायी थी.
फाइनल में हन्ना से होनी वाली भिड़त के बारे में बताते हुए मैरीकॉम ने कहा, फिर से उसका आकलन करूंगी. जैसे छात्र अपनी परीक्षा से पहले तैयारी करते हैं, वैसे ही मैं भी करूंगी. उन्होंने कहा, मैं देशवासियों के सामने अपना सर्वश्रेष्ठ करके निश्चित रूप से देश को गौरवान्वित करना चाहूंगी. मैरीकॉम के लिये पहला राउंड थोड़ा सतर्कता भरा रहा, जिसमें उत्तर कोरियाई मुक्केबाज ने उन्हें ज्यादा मौका नहीं दिया.
भारतीय मुक्केबाज ने बायें हाथ से विपक्षी के वार को दूर रखते हुए दायें से एक जोरदार मुक्का जड़ा. दूसरे राउंड में मैरीकॉम ने अपनी रणनीति के मुताबिक खेलते हुए पंच जड़े जिससे उन्हें जज से अंक हासिल करने में कोई मुश्किल नहीं हुई. तीसरे राउंड में मेरी ज्यादा आक्रामक दिख रही थी, जिसमें वह कोई भी मौका गंवाये बिना पंच लगा रही थी, इसी दौरान बायें हाथ का मजबूत मुक्का किम हयांग मि के सीधे मुंह पर लगा.
तीन अन्य वजन वर्गों में 54 किग्रा बैंथमवेट का फाइनल बुल्गारिया की स्टोइका पेत्रोवा और लिन यू टिंग के बीच, 60 किग्रा लाइटवेट का फाइनल थाईलैंड की सुदापोर्न सीसोनदी और आयरलैंड की कैली एने हैरिंगटन के बीच तथा 81 किग्रा लाइट हेवीवेट का फाइनल कोलंबिया की जेसिका पी सिनिस्टेरा और चीन की लिना वांग के बीच होगा.
अपनी पहली विश्व चैम्पियनशिप खेल रही लवलीना नतीजे से निराश थी, उन्होंने कहा, मेरे हिसाब से मुकाबला ठीक था, वो लड़की थोड़ी मुश्किल थी. अंतिम राउंड में मेरा अंक कटा. वह भी पकड़ रही थी, लेकिन मेरा ही अंक काटा गया. पहले राउंड में लवलीना की शुरुआत थोड़ी धीमी रही, लेकिन दूसरे राउंड में उन्होंने भरपायी की कोशिश की, पर विपक्षी मुक्केबाज जवाबी हमले में अच्छी थी और बेहतर अंक जुटाने में सफल रही.
तीसरा राउंड दुर्भाग्यपूर्ण रहा जिसमें लवलीना का अंक काट लिया गया. गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक से चूकने वाली लवलीना काफी निराश थी. उन्होंने कहा, मैं राष्ट्रमंडल खेलों में भी पदक से चूक गयी थी, तब मैंने विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने का लक्ष्य बनाया था, लेकिन आज ऐसा नहीं कर पायी. बहुत निराश हूं, लेकिन अब अगले टूर्नामेंट की तैयारी में जुट जाऊंगी.