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डोनाल्ड ट्रंप ने सऊदी अरब के प्रति अपनाया नरमी का रुख, तो रिपब्लिकन में ही उभरा मतभेद

वाशिंगटन : सऊदी अरब को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नरम रुख के कारण अमेरिका की विदेश नीति को लेकर रिपब्लिकन पार्टी में मतभेद ऊभर आये हैं. यहां तक कि ट्रंप के कुछ रिपब्लिकन सहयोगियों ने उन्हें आगाह किया है कि पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या में सऊदी अरब की भूमिका के लिए उसे […]

वाशिंगटन : सऊदी अरब को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नरम रुख के कारण अमेरिका की विदेश नीति को लेकर रिपब्लिकन पार्टी में मतभेद ऊभर आये हैं. यहां तक कि ट्रंप के कुछ रिपब्लिकन सहयोगियों ने उन्हें आगाह किया है कि पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या में सऊदी अरब की भूमिका के लिए उसे दंडित नहीं करने से खतरनाक नतीजे सामने आयेंगे.

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कई रिपब्लिकन यहां तक कि सेंस लिंडसे ग्राहम और रैंड पॉल, जो इस मामले पर राष्ट्रपति ट्रंप के साथ अपने विचार साझा कर चुके हैं, ने सऊदी अरब के वली अहद मोहम्मद बिन सलमान को तुर्की के इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास के अंदर खशोगी हत्या के लिए कठोर दंड नहीं देने के ट्रंप के फैसले की निंदा की है.

सीनेट की विदेश संबंध समिति के अध्यक्ष और रिपब्लिकन सीनेटर बॉब कॉर्कर ने बुधवार को कहा कि वह ट्रंप के बयान से आश्चर्यचकित हैं और उन्होंने इसकी तुलना सऊदी अरब के लिए जारी की गयी एक प्रेस विज्ञप्ति के साथ की. कॉर्कर ने अपने गृह राज्य टेनेसी के चैट्टानूगा शहर स्थित टीवी चैनल डब्ल्यूटीवीसी को बताया कि यह नाजुक स्थिति है.

उन्होंने कहा कि इसमें एक ओर हमारा दशकों पुराना दीर्घकालिक सहयोगी है, और वहीं दूसरी ओर एक वली अहद भी है, जिसके बारे में मुझे लगता है कि उसने एक पत्रकार की हत्या करने का आदेश दिया था. उन्होंने कहा कि हमारे पास कोई पुख्ता सबूत नहीं है. सब कुछ इस तथ्य की ओर इशारा करता है कि वह इसके बारे में जानते थे और उन्होंने ही इसका आदेश दिया था.

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपिओ ने ट्रंप के फैसले का यह कहकर बचाव किया कि वाशिंगटन पोस्ट के स्तंभकार की दो अक्टूबर को हुई हत्या में संलिप्तता को लेकर अमेरिका पहले ही 17 संदिग्ध सऊदी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा चुका है. मिसौरी के कंसास सिटी में बुधवार को एक रेडियो साक्षात्कार में पोंपिओ ने कहा कि हमने 17 लोगों पर प्रतिबंध लगाया है, उनमें से तो कुछ सऊदी सरकार में काफी वरिष्ठ अधिकारी हैं.

एक अमेरिकी अधिकारी के अनुसार, दोनों पार्टियों के सदस्यों ने ट्रंप पर अमेरिकी खुफिया एजेंसी की जानकारी को अनदेखा करने का आरोप लगाया है, जिसमें यह बात सामने आयी है कि संभवतः वली अहद ने हत्या का आदेश दिया था. इससे पहले ट्रंप ने कहा था कि हम करोड़ों डॉलर के सौदे को यूं ही नहीं छोड़ सकते हैं और उसे रूस और चीन के हिस्से में नहीं जाने दे सकते. यह मेरे लिए बहुत साधारण सी बात है. मैं अमेरिका को फिर से महान बनाना चाहता हूं.

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