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कोल्हान विश्वविद्यालय में पीएचडी घोटाला, कार्रवाई शुरू, 40 से अधिक असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफेसर को नोटिस

जमशेदपुर : कोल्हान विवि की सबसे बड़ी शैक्षणिक अनियमितताओं में शामिल पीएचडी घोटाले में फंसे शिक्षकों पर गाज गिरने जा रही है. जांच कमेटी के आधार पर विवि प्रशासन 40 से अधिक असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफेसर को शोध कार्य में अनियमितता के आरोप में कारण बताओ नोटिस जारी कर रहा है. शिक्षकों के जवाब के […]

जमशेदपुर : कोल्हान विवि की सबसे बड़ी शैक्षणिक अनियमितताओं में शामिल पीएचडी घोटाले में फंसे शिक्षकों पर गाज गिरने जा रही है. जांच कमेटी के आधार पर विवि प्रशासन 40 से अधिक असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफेसर को शोध कार्य में अनियमितता के आरोप में कारण बताओ नोटिस जारी कर रहा है.
शिक्षकों के जवाब के आधार पर इक्रीमेंट काटने से लेकर शोध कार्य पर रोक लगाने तक की कार्रवाई की जायेगी. विवि के कई पदाधिकारी भी जांच के लपेटे में हैं. इन सभी पदाधिकारियों को भी कारण बताओ नोटिस भेजा रहा है. केयू के इतिहास में यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है.
दरअसल जांच रिपोर्ट में कुछ जगहों पर तत्कालीन विभागाध्यक्ष शब्द का इस्तेमाल किया गया है. लिहाजा शोध प्रक्रिया संचालित करने के लिए पद पर रहे पूर्व विभागाध्यक्षों के नाम की पड़ताल करने में अतिरिक्त समय लगा है.
वर्ष 2012 शोध प्रवेश परीक्षा और पूर्व के पंजीकरण में फंसे शिक्षक
कोल्हान विवि के प्रतिकुलपति डॉ रणजीत कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई जांच में अनियमितता के सर्वाधिक मामले वर्ष 2012 की शोध प्रवेश परीक्षा और उससे पूर्व रांची विवि की शोध प्रवेश परीक्षा के आधार पर छात्र-छात्राओं के पंजीकरण को लेकर सामने आये हैं.
कई पदाधिकारी तक लपेटे में
जवाब के आधार पर होगी कार्रवाई की अनुशंसा, इन्क्रीमेंट काटने से लेकर शोध पर रोक तक संभव
जांच रिपोर्ट के निष्कर्ष के आधार पर विवि कार्रवाई कर रहा है. संबंधित रिपोर्ट राजभवन को पूर्व में ही भेज दी गयी है.
– डॉ. एके झा, प्रवक्ता, कोल्हान विवि
क्या हैं आरोप
  • कई शिक्षकों ने अपने निर्देशन में तय सीट से कहीं अधिक छात्र-छात्राआें का पंजीकरण कराया.
  • एक ही दिन डिपार्टमेंट रिसर्च काउंसिल की बैठक के जरिये तीन-तीन, चार-चार छात्र-छात्राओं का पंजीकरण किया
  • कोर्स वर्क की प्रक्रिया संचालित करने व प्रमाण पत्र देने में भी व्यापक पैमाने पर नियमों का उल्लंघन हुआ
  • संबद्ध कॉलेजों में शिक्षक के रूप में सेवा देनेवाले उम्मीदवारों का भी बिना शोध प्रवेश परीक्षा के ही पंजीकरण कर लिया गया
  • शोध प्रवेश परीक्षा के परिणाम के कट ऑफ मार्क्स को लेकर भी जांच टीम ने सवाल उठाये हैं. अलग-अलग उम्मीदवारों के अलग-अलग प्राप्तांक पर पंजीकरण हुए हैं
  • 2016 में शोध प्रवेश परीक्षा के बाद कोर्स वर्क की कक्षाओं में उपस्थिति को लेकर भी सवाल उठाये गये हैं.

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