बेगूसराय:आर्म्स एक्ट मामले में फरार चल रही पूर्व मंत्री मंजू वर्मा ने आखिरकरमंगलवारको बेगूसराय कोर्ट में सरेंडर कर दिया.पूर्व मंत्री मंजू वर्मा ने मंझौल अनुमंडल न्यायालय में सरेंडर किया. पहचान छिपाने के लिएपूर्व मंत्री ने बुर्के की आड़ में सरेंडर किया. मंजू वर्मा एक ऑटोरिक्शा में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रभात त्रिवेदी की अदालत में आयीं. कुछ सहयोगियों के साथ आयीं वर्मा अदालत परिसर में प्रवेश करते ही बेहोश हो गयी. आस-पास के लोगों ने जब वर्मा के मुंह पर पानी के छींटे मारे तब उन्हें होश आया. बाद में उन्हें अदालत कक्ष में ले जाया गया. पूर्व मंत्री कई दिनों से फरार चल रही थी़. पुलिस को भी लंबे समय से मंजू वर्मा कीतलाशथी. पुलिसनेउन्हेंपकड़नेकेलिए कुर्की- जब्ती भी की थी.
उच्चतम न्यायालय ने वर्मा की गिरफ्तारी नहीं होने को लेकर 12 नवंबर को बिहार पुलिस को डांट लगायी थी. न्यायालय ने वर्मा की गिरफ्तारी नहीं होने की सूरत में बिहार के पुलिस महानिदेशक को 27 नवंबर को अपने समक्ष उपस्थित होने को कहा था.विदित हो कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगातार बिहार सरकार की आलोचना के बाद पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा पर पुलिस की नकेल कसना शुरू की थी. पुलिस द्वारा पूर्व समाज कल्याण मंत्री की गिरफ्तारी को लेकर बिहार के अलावा अन्य राज्यों में भी संभावित ठिकानों पर लगातार छापेमारी की गयी थी.
इससे पहले पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा ने 29 अक्टूबर को अदालत में आत्मसमर्पण किया था. चंद्रशेखर वर्मा की गिरफ्तारी को भी लेकर पुलिस कई दिनों से छापेमारी कर रही थी. कोर्ट में चंद्रशेखर वर्मा ने कहा कि मेरी पत्नी मंजू वर्मा दोषी नहीं हैं. उन्होंने कहा था कि अगर मेरे घर से कारतूस मिला है, तो इसमें मेरी पत्नी का कोई कसूर नहीं है. साथ ही, उन्होंने बिहार के बाहुबली पूर्व सांसद शहाबुद्दीन का उदाहरण देते हुए कहा कि जब उनके घर से हथियार मिलता था, तो उनकी पत्नी हीना शहाब दोषी नहीं हुई, तो मेरी पत्नी कैसे दोषी हो सकती है?
ज्ञात हाे कि बिहार की सत्ताधारी पार्टी जदयू ने पूर्व मंत्री मंजू वर्मा को 10 नवंबर को पार्टी से निलंबित कर दिया था. मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीड़न कांड सामने आने के बाद मंजू वर्मा ने समाज कल्याण मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. बेगूसराय जिले के चेरिया बरियारपुर विधानसभा क्षेत्र से जदयू विधायक मंजू वर्मा ने मुजफ्फरपुर कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर से अपने पति की निकटता की बात सामने आने पर समाज कल्याण मंत्री के पद से अगस्त में इस्तीफा दे दिया था.
क्या है मामला
मंजू वर्मा के श्रीपुर अर्जुन टोला स्थित आवास पर सीबीआई के 17 अगस्त को हुई छापेमारी के दौरान पचास राउंड अवैध कारतूस बरामद किये गये थे. सीबीआई ने पूर्व मंत्री के घर के कमरा नंबर-2 में रखें एक बॉक्स से .323 बोर के 18 कारतूस, 8 एमएम बोर के 10 कारतूस, 7.62 बोर के 19 कारतूस एवं थ्री नोट थ्री बोर का छह कारतूस बरामद किये थे. उक्त सभी कारतूस आम आदमी को रखने के लिए प्रतिबंधित है. इसको लेकर सीबीआई द्वारा मंजू वर्मा से पूछताछ भी की गयी थी. इसके बाद मंजू वर्मा और उनके पति पर आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया गया था. इसके बाद उन्हें मंत्री पद से भी इस्तीफा देना पड़ा था. आर्म्स एक्ट के ही मामले में पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा ने 29 अक्टूबर को मंझौल के एसीजेएम कोर्ट में सरेंडर किया था.