वाशिंगटन: ट्रंप सरकार को एच-1 बी वीजा धारकों के जीवनसाथी की काम करने की मंजूरी (वर्क परमिट) को खत्म करने से रोकने के लिए अमेरिकी संसद में एक विधेयक पेश किया गया है. दो अमेरिकी सांसदों अन्ना जी इशू और जो लॉफग्रेन ने यह विधेयक पेश किया.
उनका कहना है कि एच-1 बी वीजा धारकों के जीवनसाथी को मिलने वाले इस लाभ को खत्म करने से विदेशी कर्मचारी अपने देश लौट जायेंगे और अपनी प्रतिभा का उपयोग अमेरिकी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा में करेंगे. अमेरिका में एच-1बी वीजाधारकों के जीवनसाथी (पति/पत्नी) को एच-4 वीजा दिया जाता है.
यह एक गैर-प्रवासी वीजा है, जो कि अमेरिकी कंपनियों को कुछ विशिष्ट क्षेत्रों में विशेष योग्यता रखने वाले विदेशी कर्मचारियों की भर्ती की अनुमति देता है. यह वीजा भारतीय आइटी पेशेवरों के बीच खासा लोकप्रिय है. ट्रंप सरकार के वर्क परमिट को खत्म करने के प्रयासों के बीच अमेरिकी सांसद अन्ना जी इशू और जो लॉफग्रेन ने एच-4 रोजगार संरक्षण विधेयक पेश किया है.
पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में शुरू कियेगये इस वीजा को अमेरिकाकी ट्रंप सरकार समाप्त करना चाहती है. सांसदों ने सदन में विधेयक पेश करने के बाद कहा कि जब से यह नियम लागू हुआ है 1,00,000 कर्मचारियों विशेषकर महिलाओं को कार्य करने की अनुमति मिली है.
इससे अमेरिका की प्रतिस्पर्धा गतिविधियों में सुधार हुआ है और हजारों एच-1बी वीजा धारकों और उनके परिवार का आर्थिक बोझ कम हुआ है. उन्होंने कहा कि एच-4 रोजगार संरक्षण विधेयक ट्रंप सरकार को इस महत्वपूर्ण नियम को खत्म करने से रोकता है. इसके इस साल के अंत तक खत्म किये जाने की आशंका है.
ईशू ने कहा, ‘इस नियम को समाप्त करने से कई प्रवासियों को या तो अपने परिवारों को विभाजित करने के लिए मजूबर होना पड़ेगा या फिर वह अपने देश लौटकर अमेरिकी व्यवसायों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने के लिए अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल करेंगे.’