– परिवार की सुख समृद्धि केलिएविधि-विधान से की पूजा-अर्चना
सचिन्द्र कुमार दाश@खरसावां
शनिवार को आंवला नवमी का व्रत पारण किया गया. आंवला नवमी पर महिलाओं ने परिवार की सुख समृद्धि के लिए आंवला वृक्ष की परिक्रमा लगाकर पूजा-अर्चना की. आंवला वृक्ष के नीचे पकवानों का भोग लगाया और उन्हीं पकवानों से अपना व्रत खोला. मालूम हो कार्तिक माह की नवमी तिथि आंवला नवमी के रूप में मनायी जाती है.
इस दिन आंवला वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व है. इस अवसर पर महिलाओं द्वारा सामूहिक पूजन, वृक्ष परिक्रमा सहित अन्य धार्मिक कार्यक्रम श्रद्धा पूर्वक संपन्न किये गये. महिलाओं ने आंवला वृक्ष की 108 परिक्रमा लगाकर पूजा की. मान्यता है कि अक्षय नवमी पर मां लक्ष्मी ने पृथ्वी लोक में भगवान विष्णु एवं शिव जी की पूजा आंवले के रूप में की थी और इसी पेड़ के नीचे बैठकर भोजन ग्रहण किया था.
यह भी कहा जाता है कि आंवले के पेड़ के नीचे श्री हरि विष्णु के दामोदर स्वरूप की पूजा की जाती है. यह भी मान्यता है कि इसी दिन भगवान कृष्ण ने कंस वध से पहले तीन वनों की परिक्रमा की थी.