नयी दिल्ली : श्रम मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि विस्तारित मातृत्व लाभ के लिए नियोक्ताओं को सरकार के बजट से भुगतान करने का प्रस्ताव है. इसका भुगतान किसी श्रम कल्याण उपकर से नहीं किया जाएगा, क्योंकि ऐसा कोई उपकर है ही नहीं. श्रम मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘कुछ मीडिया खबरें आई हैं कि इस योजना को मंजूर-अधिसूचित किया गया है.
यहां स्पष्ट किया जाता है कि श्रम और रोजगार मंत्रालय इस बारे में आवश्यक बजटीय अनुदान और मंजूरी हासिल करने की प्रक्रिया में है. इस तरह की खबरें कि इसका वित्तपोषण श्रम कल्याण उपकर से किया जाएगा, सही नहीं हैं. मंत्रालय के तहत ऐसा कोई उपकर नहीं है.’ बयान में कहा गया है कि मंत्रालय एक ऐसी प्रोत्साहन योजना पर काम कर रहा है जहां नियोक्ताओं को सात सप्ताह का वेतन लौटाया जाएगा.
यह प्रोत्साहन उन नियोक्ताओं को ही उपलब्ध होगा जो 15,000 रुपये की वेतन सीमा के साथ महिलाओं की नियुक्ति करते हैं और उन्हें 26 सप्ताह का अवकाश वेतन के साथ प्रदान करते हैं. मंत्रालय का अनुमान है कि इस प्रस्तावित प्रोत्साहन योजना के क्रियान्वयन से मंत्रालय पर करीब 400 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा.