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पटना : सहायता को किसान अब 25 तक करें आवेदन

फसल इनपुट सहायता योजना : 15 नवंबर तक थी आवेदन की तिथि, 10 दिन बढ़ायी पटना : सूबे के सूखाग्रस्त प्रखंड के किसान अब फसल इनपुट सहायता योजना के लिए 25 नवंबर तक आवेदन कर सकते हैं. पहले 15 नवंबर तक आवेदन की तारीख थी. गुरुवार को कृषि विभाग ने आवेदन की तिथि में 10 […]

फसल इनपुट सहायता योजना : 15 नवंबर तक थी आवेदन की तिथि, 10 दिन बढ़ायी
पटना : सूबे के सूखाग्रस्त प्रखंड के किसान अब फसल इनपुट सहायता योजना के लिए 25 नवंबर तक आवेदन कर सकते हैं. पहले 15 नवंबर तक आवेदन की तारीख थी. गुरुवार को कृषि विभाग ने आवेदन की तिथि में 10 दिनों का इजाफा कर दिया. इधर, सहकारिता विभाग की ओर से फसल सहायता योजना में आवेदन की तारीख 15 नवंबर को समाप्त हो गयी.
चालू खरीफ में अल्पवृष्टि के कारण सुखाड़ जैसी स्थिति को देखते हुए सरकार ने 24 जिलों के 275 प्रखंड को सूखाग्रस्त घोषित किया है. इन प्रखंडों के किसानों को सरकार सहायता अनुदान दे रही है. किसानों से 15 नवंबर तक आवेदन मांगा गया था. अब तिथि बढ़ाकर 25 नवंबर तक दी गयी है. अनुदान अधिकतम दो हेक्टेयर के लिए मिलेगा.
किसानों को प्रति हेक्टेयर 6800 और 9000 की दर से मिलेगा. योजना का लाभ ऑनलाइन पंजीकृत किसानों को ही दिया जायेगा. कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने बताया कि अभी तक सूखाग्रस्त प्रखंडों के 8,51,126 किसानों द्वारा कृषि इनपुट सब्सिडी योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया है
सूखा प्रभावित जिलों में प्राथमिकता के आधार पर बनेगा राशन कार्ड
राज्य में सूखा प्रभावित जिले में प्राथमिकता के आधार पर राशन कार्ड बनेगा. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम केअंतर्गत अभियान चलाकर छूटे हुए पात्र लाभुकों का अविलंब नया राशन कार्ड निर्गत करने के संबंध में सभी डीएम को कहा गया है.
खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने पत्र में कहा है कि अधिनियम के तहत पात्र लोगों को चिह्नित करते हुए नया राशन कार्ड निर्गत किया जाये, ताकि खाद्यान्न के अभाव में उनके समक्ष भूखमरी की स्थिति उत्पन्न नहीं हो.
राज्य में मॉनसून की दयनीय स्थिति से 23 जिले के 275 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है. बारिश ठीक नहीं होने से उन प्रखंडों में धान की रोपनी लक्ष्य से कम हुई है. जिन क्षेत्रों में रोपनी हुई, वहां भी कम वर्षा की वजह से ऊपज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. ऐसी स्थिति में सूखाग्रस्त प्रखंडों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत आनेवाले पात्र लोगों का नया राशन कार्ड निर्गत करने में तेजी बरतने के लिए कहा गया है. ताकि राशन दुकानों से उन्हें अनाज मिल सके.
छूटे हुए लाभुकों का बनना है राशन कार्ड
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत नया राशन कार्ड बनाने के लिए जमा आवेदन की प्रक्रिया पूरी कर नया राशन कार्ड निर्गत करना है.
अधिनियम के तहत उस दायरा में आनेवाले जरूरतमंद लोग जिनका किसी कारणवश राशन कार्ड नहीं बना है. ऐसे लोगों को चिह्नित कर उनका नया राशन कार्ड बनाना है. खासकर 23 जिले पटना, मुजफ्फरपुर, नालंदा, भोजपुर, बक्सर, कैमूर, गया, जहानाबाद, नवादा, औरंगाबाद, सारण, सिवान, गोपालगंज, बांका, भागलपुर, जमुई, शेखपुरा, वैशाली, दरभंगा, मधेबनी, समस्तीपुर, मुंगेर व सहरसा के अलग-अलग प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है. इन जिलों में नया राशन कार्ड बनाने में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है.
नया राशन कार्ड निर्गत करने की प्रक्रिया सुस्त
राशन कार्ड निर्गत करने की प्रक्रिया सुस्त है. निर्धारित समय में भी लोगों को नया राशन कार्ड नहीं मिल रहा है. अधिकारियों द्वारा नया राशन कार्ड के लिए जमा आवेदन की प्रोसेसिंग की प्रक्रिया में सुस्ती की वजह से समय लग रहा है.
इसे लेकर खाद्य व उपभोक्ता संरक्षण विभाग के संयुक्त सचिव ने पहले भी पत्र लिखा था. नया राशन कार्ड निर्गत करने की जिम्मेदारी अनुमंडल पदाधिकारियों की है. लोक सेवा अधिकार कानून(आरटीपीएस) के तहत एक महीने में राशन कार्ड जारी करना है. पिछले माह नया राशन कार्ड के लिए जमा लगभग 25 लाख आवेदन में मात्र तीन लाख 28 हजार 799 लोगों को नया राशन कार्ड मिला.

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