नयी दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में बुधवार को कथित रूप से खुदकुशी करने वाले 18 वर्षीय एथलीट पालिंदर चौधरी के मेंटर और दोस्त अजीत रावत ने कहा कि उसका सपना ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने का था और उसने अपने हाथ पर ओलंपिक का टैटू भी बनवाया था. मृतक के पिता महेश पाल ने कहा कि उन्हें नहीं पता क्या गलत हुआ और उनके बेटे ने खुदकुशी जैसा कदम क्यों उठाया. चौधरी ने कथित रूप से फंदा लगाकर खुदकुशी की थी.
रावत 2012 से चौधरी को जानते थे. उनका कहना है कि वह बहुत मेहनत करने वाला शख्स था. उन्होंने कहा, ‘ उसे पता था कि वह क्या चाहता है. वह ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहता था. उसने अपने दाहिने हाथ पर ओलंपिक के चिह्न का टैटू भी बनवाया था.’ रावत ने कहा, ‘ उसकी नजर 2020 तोक्यो ओलंपिक पर थी और वह इसके लिए तैयारी भी कर रहा था. वह यह भी कहता था अगर वह 2020 में होने वाले ओलंपिक में जगह नहीं पा सका तो वह 2024 में पेरिस में होने वाले ओलंपिक खेलों की तैयारी करेगा.’
एसएआई की महानिदेशक नीलम कपूर ने पहले कहा था कि ऐसा लगता है कि यह आर्थिक मसलों से संबंधित एक पारिवारिक मामला है. हमें यह मालूम हुआ है कि लड़के की सुबह में अपने पिता से फोन पर बहस हुई थी और शाम में उसकी बहन उससे मिलने आई थी. बहरहाल, पेशे से किसान महेश पाल ने इस बात से इनकार किया है कि आर्थिक मसले को लेकर उनकी अपने बेटे से बहस हुई थी.
पाल ने कहा, ‘‘ मेरी उससे मंगलवार दोपहर करीब तीन बजे बात हुई थी. वह चाहता था कि मैं उसे कुछ पैसे भेजूं. मैं कुछ दिनों के लिए बाहर गया हुआ था. मैंने उसे आश्वस्त किया कि मैं उसे पैसे भेज दूंगा. वह सही तरीके से बात कर रहा था. सबकुछ सामान्य लग रहा था. मैं नहीं जानता कि क्या गलत हुआ और किसी दबाव में उसने यह कदम उठाया.’