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सिविल सेवा प्रतियोगिता की प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण अत्यंत पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए योजना
पटना : सिविल सेवा अभ्यर्थियों से प्रोत्साहन योजना में आवेदन मांगे गये हैं. इसकी अंतिम तिथि 20 नवंबर है. इसके तहत बिहार लोक सेवा आयोग और संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा की प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) में उत्तीर्ण अत्यंत पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं. बिहार के निवासी किसी भी […]
पटना : सिविल सेवा अभ्यर्थियों से प्रोत्साहन योजना में आवेदन मांगे गये हैं. इसकी अंतिम तिथि 20 नवंबर है. इसके तहत बिहार लोक सेवा आयोग और संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा की प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) में उत्तीर्ण अत्यंत पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं. बिहार के निवासी किसी भी अभ्यर्थी को इस योजना का लाभ एक ही बार देय होगा. यदि अभ्यर्थी पहले से किसी भी सरकारी या लोक उपक्रम में कार्यरत हैं तो वे इस योजना के पात्र नहीं हैं.
योजना इसी साल हुई है लांच, यह है मकसद
पिछड़ा वर्ग और अत्यंत पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के सूत्रों का कहना है कि यह योजना इसी साल लांच हुई है. इसका मकसद बीपीएससी या यूपीएससी पीटी पास करने वाले अत्यंत पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को आगे की तैयारी के लिए आर्थिक मदद करना है. प्रायः यह देखा जाता था कि बीपीएससी या यूपीएससी की सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा की पीटी में उत्तीर्ण ऐसे अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा की तैयारी में समस्या होती थी.
वे आर्थिक तंगी के कारण प्रतिष्ठित संस्थानों से कोचिंग, पर्याप्त मार्गदर्शन और उपयोगी पुस्तक नहीं खरीद सकते थे. ऐसी परिस्थिति में सरकार अब मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार की तैयारी के लिए आर्थिक सहायता दे रही है.
तैयारी के लिए एकमुश्त 50,000 रुपये
सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ा वर्ग सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत बीपीएससी पीटी उत्तीर्ण करने वाले अत्यंत पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को आगे की तैयारी के लिए एकमुश्त 50,000 रुपये दिये जाते हैं. साथ ही यूपीएससी पीटी उत्तीर्ण करने वाले अत्यंत पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को एक मुश्त एक लाख रुपये का लाभ दिया जाता है.
प्रशिक्षु पदाधिकारियों के लिए 40 सप्ताह का प्रशिक्षण कार्यक्रम घोषित
बिहार प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु पदाधिकारियों के लिए 40 सप्ताह का पुनरीक्षित प्रशिक्षण कार्यक्रम घोषित किया गया है. सामान्य प्रशासन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों के बढ़ते कार्यभार, विकास कार्यक्रम में लगातार वृद्धि, कार्य संपादन के नये-नये तकनीक, लोक दायित्व एवं लोक सीमाओं में वृद्धि को देखते हुए सरकार ने ऐसा फैसला लिया है. सरकार ने पूर्व से निर्धारित प्रशिक्षण की अवधि एवं कार्यक्रम में संशोधन किया है. कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग के संकल्प के अनुसार, निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बिहार प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु पदाधिकारियों को वर्तमान में 80 सप्ताह का आधारभूत प्रशिक्षण दिया जाता है.
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