– ओड़िया शास्त्रीय भाषा, बच्चों को मातृभाषा ओड़िया में दें शिक्षा : आदित्य पात्र
– उत्कल सम्मीलनी के माध्यम से ओड़िशा सरकार उपलब्ध करा रही है किताब
सचिन्द्र दाश@खरसावां
सरायकेला-खरसावां जिला के उच्च विद्यालयों के ओड़िया भाषी छात्रों को उनकी मातृभाषा ओड़िया साहित्य व व्याकरण की पुस्तक निशुल्क मिलेगी. ओड़िशा सरकार इन पुस्तकों का वितरण सामाजिक संगठन उत्कल सम्मीलनी के माध्यम से कर रही है. खरसावां के चार उच्च विद्यालयों के ओड़िया भाषी छात्रों के लिए ओड़िया साहित्य व व्याकरण की पुस्तकें उपलब्ध करायी गयी है.
खरसावां के पीडब्लूडी गेस्ट हाउस में भुवनेश्वर से आये उत्कल सम्मीलनी के केंद्रीय अध्यक्ष आदित्य कुमार पात्रो, कोषाध्यक्ष विमल षाडंगी, जिलाध्यक्ष हरीष चंद्र आचार्या, उपाध्यक्ष सुमंत मोहंती, जिला परिदर्शक सुशील षाडंगी ने क्षेत्र के विभिन्न उच्च विद्यालयों के शिक्षकों को ओड़िया साहित्य व व्याकरण की पुस्तक उपलब्ध कराया.
मौके पर आदित्य पात्रो ने कहा कि हमारी मातृभाषा ही हमारी पहचान है. मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त करना बच्चों का मौलिक अधिकार है. इससे उन्हें वंचित नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि जब बच्चे अपनी मातृभाषा में पढ़ाई करते हैं, तो उनका बौद्धिक विकास तेजी से होता है. उन्होंने लोगों से अपने बच्चों को मातृभाषा ओड़िया में पढ़ाने की अपील की.
उन्होंने कहा कि ओड़िया भाषा का महत्व किसी अन्य भाषा से कम नहीं है. ओड़िया भाषा को शास्त्रीय भाषा की मान्यता मिली है. श्री पात्रो ने बताया कि पूर्व में भी कक्षा एक से आठ के बच्चों के लिए ओड़िया साहित्य की पुस्तकें उपलब्ध करायी गयी हैं. उन्होंने स्थानीय लोगों से अपनी भाषा, साहित्य व संस्कृति को सशक्त बनाने के लिए आगे आने की अपील की.
सरायकेला-खरसावां जिला में कक्षा नौ में 445 व कक्षा दस में 824 ओड़िया साहित्य की पुस्तकें व 930 व्याकरण की पुस्तकों का वितरण किया जायेगा. मौके पर मुख्य रूप से समाजसेवी माधव चरण सतपथि, सपन मंडल, अनीता दलबेहरा, सत्यव्रत चौहान, चंद्रभानु प्रधान, रंजीत मंडल, जयजीत षाडंगी, रचीता मोहंती, सपना टोपी, पुष्पचंपा बेहरा, धरणीधर मंडल, कुंती मंडल, भरत चंद्र मिश्रा, कनीता दे, चंद्रीका लेंका आदि उपस्थित थे.