पटना : बिहार के मुख्यमंत्री सह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार नेआज कहा कि नयी पीढ़ी के विकास और सोच से ही समाज में बदलाव आयेगा. समाज में नये स्तर पर बदलाव लाने में युवाओं की भूमिका बेहद अहम है. इसके लिए जरूरी है कि नयी पीढ़ी को गांधीजी के विचार और मौलाना आजाद के किये कार्यों से अवगत कराया जाये.
मुख्यमंत्रीनीतीश कुमार रविवार को शहर के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिवस के मौके पर आयोजित शिक्षा दिवस समारोह कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. बिहार ने ही सबसे पहले वर्ष 2007 से देश के पहले शिक्षा मंत्री अबुल कलाम के जन्मदिवस 11 नवंबर को शिक्षा दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की थी. इसके बाद केंद्र ने भी राज्य की तर्ज पर शिक्षा दिवस मनाने की शुरुआत कर दी. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने जाने-माने वैज्ञानिक पद्मश्री मानस बिहारी वर्मा को मौलाना अबुल कलाम आजाद शिक्षा पुरस्कार- 2018 से सम्मानित किया. उन्होंने कहा कि हासिया पर रहने वालों को मुख्य धारा में लाना ही सही मायने में विकास है.
विरोधियों पर निशाना
नीतीश कुमार ने बिना किसी का नाम लेते हुए कहा कि आजकल समाज में कुछ लोग वैमन्षता फैलाने की फिराक में ही हमेशा लगे रहते हैं. समाज में टकराव का माहौल पैदा किया जा रहा है. अगर समाज में इस तरह का माहौल हमेशा बनता रहेगा, तो इसका सीधा असर काम पर पड़ेगा. विकासात्मक कार्यों का असर समाज पर नहीं पड़ेगा. लोग विकासात्मक कार्यों को छोड़कर इस तरह के व्यर्थ के कार्यों में लगे रहेंगे. इस तरह के माहौल से सावधान रहने की जरूरत है. बिहार में कुछ लोग लड़वाने का काम करेंगे.
बहकावे में नहीं आये युवा : नीतीश
सीएम नीतीश ने युवा पीढ़ी से अपील करते हुए कहा कि इस तरह के किसी बहकावे में नहीं आये. शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि मौलाना आजाद के जीवन और कार्यों को विस्तृत रूप से समाहित करते हुए एक पुस्तक का प्रकाशन करवाये. इस पुस्तक को प्रकाशित करवा कर सभी स्कूलों में बंटवाने की बात कही. उन्होंने कहा कि मौलाना आजाद भारत विभाजन से सहमत नहीं थे, इस तरह के तमाम तथ्यों को पुस्तक में समाहित करने की जरूरत है. ताकि आने वाली पीढ़ी ऐसी सभी बातों को जान सके.
बिहार में हुए कार्यों का व्यापक असर : मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में हुए कार्यों का असर व्यापक पड़ता है. यहां जब शिक्षा दिवस मनाने की शुरुआत हुई, तो इसके बाद केंद्र ने भी इसकी शुरुआत कर दी. गांधीजी के विकेंद्रकृत विकास के विचार को लोगों ने बहुत नहीं अपनाया. बिहार ने ही गांधीजी के समाज सुधार की विचारधारा को अपनाते हुए शराबबंदी कानून की शुरुआत की. नयी पीढ़ी को बापू के जीवन संदेश और विचार से अवगत कराने के लिए सभी स्कूलों में इनकी कहानियों का कथा पाठ शुरू हो गया है. अगर इसका असर 10 फीसदी युवाओं पर भी पड़ गया, तो यह 90 फीसदी पर प्रभावित साबित होगा.
कन्याओंके लिए जन्म से लेकर स्नातक तक कईयोजनाओंका लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब राज्य में बेटी पैदा होने पर मन खुश होगा, क्योंकि जन्म से लेकर स्नातक तक कई योजनाओं का लाभ उन्हें दिया जा रहा है. कन्या उत्थान योजना शुरू की गयी है. इससे बेटी को पढ़ाने के प्रति दिलचस्पी पैदा होगी. अगर समाज में लड़की पढ़ी-लिखी होगी, तो प्रजनन दर भी कम होगी. उन्होंने कहा कि गांधीजी के बताये सात सामाजिक पाप को सभी कार्यालय, स्कूल और सार्वजनिक स्थल पर लिखवाया जायेगा.
आज पर्यावरण को समझने की जरूरत : सीएम
सीएम ने कहा कि गांधी की 150वीं जयंती को दो वर्ष तक मनाया जायेगा. इसमें पर्यावरण को भी शिक्षा से जोड़ा जायेगा. आज पर्यावरण को समझने की जरूरत है. मौसम में तेजी से हो रहे बदलाव के कारण ही इस वर्ष सूखा की स्थिति बनी. उन्होंने का कि गांधीजी भी हमेशा पर्यावरण संरक्षण की बात करते थे. कहते थे कि धरती जरूरत पूरा कर सकती है, लालच नहीं. इसे समझने की जरूरत है.