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प्रदूषण बोर्ड ने जारी किया आंकड़ा, देश का दूसरा प्रदूषित शहर बना पटना
पटना : भले ही वायु प्रदूषण की खराब स्थिति को लेकर देश में दिल्ली और उसके आसपास के शहरों की बात होती रही हो, लेकिन सूबे की राजधानी का वायु प्रदूषण के खराब स्तर ने इन शहरों को भी अब पीछे छोड़ दिया है.दीपावली के बाद स्थिति और खराब हो चुकी है. गुरुवार को बिहार […]
पटना : भले ही वायु प्रदूषण की खराब स्थिति को लेकर देश में दिल्ली और उसके आसपास के शहरों की बात होती रही हो, लेकिन सूबे की राजधानी का वायु प्रदूषण के खराब स्तर ने इन शहरों को भी अब पीछे छोड़ दिया है.दीपावली के बाद स्थिति और खराब हो चुकी है. गुरुवार को बिहार राज्य प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की ओर से जो एयर क्वालिटी इंडेक्स जारी किया गया है, इसमें पटना की स्थिति दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेडर नोएडा से भी खराब दर्ज की गयी है. जारी आंकड़ों में बीते 24 घंटे की रिपोर्ट बतायी गयी है. इसमें बताया गया है कि एयर क्वालिटी इंडैक्स में पटना की स्थिति सिवियर जोन में है. इसमें पटना का अंक 427 दर्ज कराया गया है.
पीएम 2.5 का मान भी बड़ा : अन्य मानकों के साथ राजधानी की वायु में धूल-कण की मात्रा का स्तर भी बढ़ा है. प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की ओर से जारी आंकड़े में इसकी स्थिति साफ दिख रही है.गुरुवार को पीएम 2.5 का अंक 455 µg/m³ दर्ज किया गया था. जबकि शाम की स्थिति में भी कोई सुधार नहीं आया था. शाम को पांच बजे के लगभग इसका आंकड़ा 438.54 µg/m³ दर्ज किया गया. इसके अलावा शहर में नाईट्रोजन डाईऑक्साइड व अन्य हानिकारक गैसों की स्थिति भी खतरनाक स्तर से अधिक रही है.
सिर्फ दो घंटे की मिली थी अनुमति, लेकिन देर रात बजते रहे पटाखे
जिला प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में जिले में रात आठ से दस बजे तक पटाखे छोड़ने की अनुमति दी थी. इसके अलावा लड़ीवाले अन्य हानिकारक गैसों वाले पटाखों को छोड़ने पर पूर्ण रोक लगायी गयी थी.इसके अनुपालन के लिए जिलाधिकारी कुमार रवि ने अनुमंडल पदाधिकारियों व थानेदारों को जिम्मेदारी दी थी. लेकिन तमाम निर्देशाें का असर शहर में कुछ खास नहीं दिखा. हालात ऐसे थे कि शहर में देर रात पटाखों के धमाके होते रहे.
प्रदूषण बोर्ड ने जारी किया आंकड़ा
पटना. गुरुवार को बिहार प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने वायु व ध्वनि प्रदूषण का आंकड़ा जारी किया. प्रदूषण बोर्ड ने बताया कि शहर के बोरिंग रोड़, परिवेश नगर, शास्त्री नगर, बेल्ट्रान, गांधी मैदान सहित पांच जगहों पर वायु प्रदूषण और आठ जगहों पर ध्वनि प्रदूषण की जांच के आधार पर आंकड़ा बताया गया है.
बोर्ड ने बताया कि पटना में अन्य दिनों की अपेक्षा दीवाली के दिन रात दस से अगले दिन सुबह छह बजे तक धूलकण की मात्रा दस गुना बढ़ गया था. शहर में पीएम 10 की मात्रा 1046 माइक्रोग्राम घनमीटर दर्ज की गयी थी. इसके अलावा बोरिंग रोड में नाइट्रोजन डायऑक्साइड की मात्रा भी दीवाली की रात 83.8 माइक्रोग्राम घनमीटर दर्ज की गयी.वहीं धूलकण में पीएम 2.5 की मात्रा भी सामान्य से 12 गुना अधिक दर्ज किया गया. प्रदूषण बोर्ड के विभिन्न मानक केद्रों में पीएम 2.5 का मान दीवाली की रात दस बजे से अगले सुबह छह बजे तक 767.5 माइक्रोग्राम घन मीटर दर्ज किया गया. वहीं, ध्वनि प्रदूषण भी काफी अधिक रहा. प्रदूषण बोर्ड ने अपने आठ केंद्रों से दीपावली की रात 81 डेसिबल तक दर्ज किया गया.
सात शहरों में पटना दूसरे नंबर पर
बिहार राज्य प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने बीते 24 घंटे यानी दीवाली के दौरान प्रदूषित हुए शहरों का आंकड़ा जारी किया है. इसमें कुल 67 शहरों को रखा गया है. प्रदूषण बोर्ड ने एयर क्वालिटी इंडेक्स के आधार पर शहरों को छह जोन में बांटा गया है. इस वर्ग में अच्छा, संतोषजनक, मध्यम, खराब, बहुत खराब और फिर सिवियर जोन है. सिवियर जोन में सबसे अधिक वायु प्रदूषित शहरों को रखा गया है. इस जोन में कुल सात शहर हैं.
सातों शहरों में पटना दूसरे नंबर पर है. इसमें पटना से केवल फरीदाबाद शहर का इंडैक्स वैल्यू 455 ही अधिक है. इसके बाद बुलंद शहर का इंडैक्स वैल्यू 418, गाजियाबाद का इंडैक्स वैल्यू 455, लखनऊ का इंडैक्स वैल्यू 412, दिल्ली का इंडैक्स वैल्यू 390, ग्रेटर नोएडा का इंडैक्स वैल्यू 410 बताया गया है.
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