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हावड़ा व नदिया सहित 50 और शहरों में मिलेगी सीएनजी और पीएनजी

नयी दिल्ली : अब पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड के कई शहरों में भी बड़े शहरों की तर्ज पर सीएनजी से गाड़ियां चलेंगी और लोगों के किचेन में पाइपलाइन के जरिये रसोई गैस की सुविधा उपलब्ध होगी. तेल नियामक पीएनजीआरबी ने पश्चिम बंगाल के चार जिलों, बिहार के 19 जिलों और झारखंड के छह जिलों […]

नयी दिल्ली : अब पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड के कई शहरों में भी बड़े शहरों की तर्ज पर सीएनजी से गाड़ियां चलेंगी और लोगों के किचेन में पाइपलाइन के जरिये रसोई गैस की सुविधा उपलब्ध होगी. तेल नियामक पीएनजीआरबी ने पश्चिम बंगाल के चार जिलों, बिहार के 19 जिलों और झारखंड के छह जिलों समेत 50 शहरों में सीएनजी एवं पाइपलाइन से प्राकृतिक गैस की खुदरा बिक्री के लाइसेंस जारी करने के लिए गुरुवार को बोली आमंत्रित की.
इस संबंध में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड की निविदाओं का यह 10वां दौर है. इसमें 12 राज्यों में पड़ोसी जिलों को सम्मिलित करते हुए 50 भौगोलिक इलाकों में सीएनजी/पीएनजी के खुदरा वितरण के लिए लाइसेंस दिये जाने हैं. निविदा जमा कराने की अंतिम तिथि पांच फरवरी है. निविदा भरने वालों को यह बताना होगा कि वे आठ साल में संबंधित भौगोलिक क्षेत्र में कितने सीएनजी स्टेशन स्थापित करना चाहते हैं और कितने घरों तक पाइप से गैस पहुचाने की उनकी योजना है.
उन्हें क्षेत्र में बिछायी जाने वाली पाइपलाइन की अनुमानित लंबाई भी बतानी होगी.
निविदा के दसवें दौर में आंध्र प्रदेश के नेल्लोर, हरियाणा के कैथल, कर्नाटक के मैसुरु और गुलबर्ग, केरल के अल्लापुझा और कोल्लम, मध्य प्रदेश के उज्जैन, ग्वालियर और मुरैना, यूपी के झांसी और बस्ती, पंजाब के फिरोजपुर और होशियारपुर, राजस्थान के अजमेर और जालौर, उत्तराखंड के नैनीताल सहित 50 शहरों में लाइसेंस देने की योजना है.
यहां मिलेगा लाइसेंस
पश्चिम बंगाल : दार्जिलिंग, हावड़ा, नदिया और उत्तर और दक्षिण 24 परगना.
बिहार : अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, अरवल, जहानाबाद, भोजपुर, बक्सर, खगड़िया, सहरसा, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, लखीसराय, भागलपुर, मुंगेर और नवादा.
झारखंड : कोडरमा, देवघर, चतरा, पलामु, सरायकेला-खरसवां और पश्चिमी सिंगभूम.
सीएनजी को बढ़ावा दे रही है राज्य सरकार
कोलकाता. पश्चिम बंगाल में बड़े वाहन जैसे बस व मिनी बस आदि डीजल से चलते हैं, जबकि ऑटो सीएनजी या एलपीजी गैस से चलते हैं. राज्य सरकार ने दक्षिण बंगाल के आसनसोल व दुर्गापुर में सीएनजी से बस चलाना शुरू किया है. इन इलाकों में लगभग 30 बसें सीएनजी से चल रही हैं तथा 20 और बसों का अनुमोदन दिया गया है.
सीएनजी से चलने वाली प्रत्येक बस की कीमत लगभग एक करोड़ रुपये हैं. राज्य सरकार ने पर्यावरण प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए न्यूटाउन-राजारहाट इलाके में सीएनजी व बैटरीचालित बसों को चलाने का निर्णय किया है.

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