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कांग्रेस का आरोप : चुनाव से पहले रेवड़ियां बांटने के लिए RBI से पैसा मांग रही है सरकार

नयी दिल्ली : कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि अगर रिजर्व बैंक 3.6 लाख करोड़ रुपये लेने की मोदी सरकार की कथित मांग मान लेता है, तो यह अब तक की सबसे ‘बड़ी लूट’ होगी. कांग्रेस ने इसको ‘ग्रेट इंडियन रॉबरी’ की उपमा देते हुए आरोप लगाया कि यह धनराशि 2019 संसदीय चुनावों से पहले […]

नयी दिल्ली : कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि अगर रिजर्व बैंक 3.6 लाख करोड़ रुपये लेने की मोदी सरकार की कथित मांग मान लेता है, तो यह अब तक की सबसे ‘बड़ी लूट’ होगी. कांग्रेस ने इसको ‘ग्रेट इंडियन रॉबरी’ की उपमा देते हुए आरोप लगाया कि यह धनराशि 2019 संसदीय चुनावों से पहले ‘रेवड़ियां’ बांटने के लिए मांगी जा रही है. कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने दिल्ली आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत की वृहद आर्थिक स्थिरता पर इस तरह के कदम के ‘गंभीर’ प्रभाव होंगे.

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तिवारी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार भारतीय रिजर्व बैंक को ध्वस्त कर रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस भारत की आर्थिक संप्रभुता को कमजोर करने के किसी भी प्रयास का प्रतिरोध करेगी और किसी को इस तरह का दु:साहस करने की छूट नहीं देगी. उन्होंने आरोप लगाया कि सार्वजनिक रूप से जो तथ्य सामने आ रहे हैं, उसके अनुसार, सरकार चाहती है कि आरबीआई अपने 9.59 लाख करोड़ रुपये के आरक्षित कोष में से 3.6 लाख करोड़ रुपये उसे दे दे.

तिवारी ने कहा कि आरबीआई इसके सख्त विरोध में है और सरकार की यह मांग अभूतपूर्व है. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर यह (प्रस्ताव) अंजाम पाता है, तो यह ‘ग्रेट इंडियन रॉबरी’ होगी. उन्होंने कहा कि भारत की वृहद आर्थिक स्थिरता पर इसका गहरा असर होगा. यह भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत आधार के लिए यह भी जरूरी है कि आरबीआई के पास किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध हो और आज भाजपा नीत एनडीए भाजपा सरकार (निवेशकों के) इस विश्वास को और इस प्रक्रिया में भारतीय रिजर्व बैंक को ध्वस्त करना चाहती है. कांग्रेस के आरोप पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है.

सरकार की मंशा के बारे में बात करते हुए तिवारी ने आरोप लगाया कि सरकार की इस चाल का कारण इस समय वित्त मंत्रालय के राजकोषीय घाटे और चालू खाते के घाटे में के आंकड़ों में खोजा जा सकता है, जो दिनोंदिन बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि राजकोषीय घाटा पाटने के लिए सरकार ने आरबीआई के पास मौजूद धन पर निगाह गड़ानी शुरू कर दी है और ज्यादा चिंताजनक यह है कि वे संभवत: इस धन को 2019 चुनावों से पहले रेवड़ियां बांटने में इस्तेमाल करना चाहते हैं.

तिवारी ने कहा कि सरकार को अर्जेंटीना से सीखना चाहिए, जहां केंद्रीय बैंक से 6.6 अरब डॉलर से अधिक की धनराशि सरकार के खजाने में हस्तांतरित करने से गंभीर संवैधानिक संकट पैदा हो गया है और अर्जेंटीना 50 अरब डॉलर की राहत के लिए आईएमएफ (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) के सामने हाथ फैलाये हुए है.

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