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रांची : फाइनेंसियल एडवाइजर हैं आलोक वर्मा उनके घर पर ही काम करती थी युवती

दिल्ली के बसंत बिहार में आलोक वर्मा के घर जांच करने पहुंची रांची पुलिस टीम कंसल्टेंसी कंपनी के जरिये काम पर आलोक वर्मा के यहां रखी गयी थी युवती युवती की बहन भी कंसल्टेंसी कंपनी के जरिये पिछले 10 सालों से दिल्ली में कर रही है काम रांची : मांडर की युवती के दिल्ली के […]

दिल्ली के बसंत बिहार में आलोक वर्मा के घर जांच करने पहुंची रांची पुलिस टीम
कंसल्टेंसी कंपनी के जरिये काम पर आलोक वर्मा के यहां रखी गयी थी युवती
युवती की बहन भी कंसल्टेंसी कंपनी के जरिये पिछले 10 सालों से दिल्ली में कर रही है काम
रांची : मांडर की युवती के दिल्ली के बसंत बिहार इलाके से रेस्क्यू होने के बाद कोतवाली एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाना में युवती के मानव तस्करी के आरोप में दर्ज मामले की जांच करने शनिवार को रांची पुलिस की टीम दिल्ली पहुंची. इस दौरान पुलिस की टीम बसंत बिहार निवासी आलोक वर्मा के घर गयी, जहां युवती घरेलू काम करती थी.
जांच में पुलिस को पता चला कि आलोक वर्मा एक मल्टी नेशनल कंपनी में फाइनेंसियल एडवाइजर हैं. आलोक वर्मा के यहां युवती घरेलू काम के लिए एक कंसलटेंसी कंपनी के जरिये रखी गयी थी. युवती की एक बहन भी पिछले 10 वर्षों से इसी कंपनी के जरिये दिल्ली में काम कर रही है. युवती को कुछ दिन पूर्व एक एनजीओ के सहयोग से मुक्त कराया गया था. दिल्ली से पुलिस की टीम रांची लौटने के बाद युवती का दोबारा बयान ले सकती है. पुलिस अधिकारियों के अनुसार एक तरह से प्रारंभिक जांच में जो तथ्य सामने आ रहे हैं, उससे यह पता चल रहा है कि युवती मानव तस्करी की शिकार नहीं हुई थी.
लेकिन मामले में अभी अन्य बिंदुओं पर पुलिस की जांच बाकी है. वहां जांच करने गयी पुलिस की टीम को यह भी पता चला कि आलोक वर्मा अपने घर से कहीं बाहर गये हुए हैं. इस वजह से पुलिस उनसे संपर्क नहीं कर पायी. संपर्क होने पर पुलिस उनका बयान ले सकती है या उन्हें नोटिस भेज कर बयान देने के लिए बुला सकती है.
उल्लेखनीय है कि मांडर की युवती को कुछ दिन पहले रेस्क्यू कराया गया था. उसके रेस्क्यूहोने के बाद रांची पुलिस की एक टीम को युवती को दिल्ली से वापस लाने के लिए भेजा गया था.
रांची पहुंचने के बाद युवती ने पुलिस के सामने बयान देकर प्राथमिकी दर्ज कराने से इनकार कर दिया था. दूसरे दिन युवती का बयान महिला आयोग ने लिया. इसके बाद युवती ने बुधवार को महिला थाना में एक लिखित शिकायत की. जिसके बाद गुरुवार को मामले में मानव तस्करी को लेकर कोतवाली एचटीयू थाना में केस दर्ज किया गया था. केस में अालोक वर्मा कौन हैं. इस बात का सत्यापन पुलिस अधिकारी करना चाहते थे. इसलिए मामले की जांच करने के लिए रांची पुलिस की एक टीम को दिल्ली भेजा गया था.
रांची : दिल्ली के बसंत बिहार इलाके से पिछले दिनों आलोक वर्मा के घर से रेस्क्यू करायी गयी मांडर की युवती का शनिवार को कोर्ट में बयान दर्ज कराया गया. बयान में उसने दिल्ली पहुंचने अौर वहां उसके साथ हुई घटना की जानकारी दी. उसने बताया कि गरीबी के कारण मुझे काम करना पड़ा. दूसरे गांव की लड़की निशिया के साथ जुलाई महीने में दिल्ली गयी थी. वहां पर काम दिलाने वाली प्लेसमेंट एजेंसी के लोगाें ने मुझे वसंत विहार में आलोक वर्मा अौर आमिया वर्मा (दोनों पति- पत्नी) के यहां काम पर लगा दिया.
एजेंसी दिल्ली के संत नगर इलाके में है. आलोक वर्मा के घर पर मैंने लगभग ढाई महीने तक काम किया. इसके बाद भी मुझे पैसे नहीं मिले. जब मैंने पैसा मांगा, तो आलोक वर्मा की पत्नी आमिया वर्मा ने कहा कि एजेंसी वालों से मांगो. एजेंसी में पूछताछ की, तो वहां बोला गया जहां काम करती हो, वहां मैडम से पूछो. हम घर वापस आना चाहते थे.
घर आने की बात पर आमिया वर्मा ने कहा कि एजेंसी वालों से बात करो. एजेंसी वालों ने कहा कि दस दिन के बाद दूसरी लड़की आयेगी. मुझे इस घर में कभी भी समय पर खाना नहीं मिला. घर के लोग खा लेते थे, उसके बाद खाना मिलता था. इसमें शाम भी हो जाती थी. बीमारी के दौरान भी काम करना पड़ता था. बताने पर भी इलाज नहीं कराया जाता था. युवती ने बताया कि जिस एजेंसी के जरिये उसे काम पर लगाया गया था, वहां अौर भी लड़कियां थी. इनमें एक लड़की बेड़ो लापुंग की रहनेवाली थी.

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