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ये राजनीति अजब है : शिवराज के साला के बाद बाबूलाल की बहू ने अलापा बगावती राग

भोपाल/नयी दिल्ली : देश के पांच राज्यों में चुनावी महासमर का आगाज होने के साथ ही टिकटार्थियों के बगावती तेवर भी साफ-साफ दिखायी दे रहे हैं. ऐसा ही बगावती तेवर मध्यप्रदेश में दिखायी दे रहे हैं. यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी के भाई संजय सिंह मसानी का पार्टी छोड़कर कांग्रेस का हाथ थामने […]

भोपाल/नयी दिल्ली : देश के पांच राज्यों में चुनावी महासमर का आगाज होने के साथ ही टिकटार्थियों के बगावती तेवर भी साफ-साफ दिखायी दे रहे हैं. ऐसा ही बगावती तेवर मध्यप्रदेश में दिखायी दे रहे हैं. यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी के भाई संजय सिंह मसानी का पार्टी छोड़कर कांग्रेस का हाथ थामने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर की बहू और भोपाल की पूर्व महापौर कृष्णा गौर ने बगावती राग अलापना शुरू कर दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर की बहू और भोपाल की पूर्व महापौर कृष्णा गौर ने अपने तेवर तीखे करते हुए कहा कि वे हर हाल में गोविंदपुरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेगी. गोविंदपुरा सीट गौर की परंपरागत सीट है.

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बाबूलाल गौर के बंगले पर आयोजित बैठक में कृष्णा ने कहा कि परिवारवाद को लेकर जो सवाल उठाये गये उसे लेकर मुझ दुख पहुंचा है. मैंने हमेशा ही संगठन की खातिर काम किया है.उन्होंने कहा कि जब कई अन्य नेताओं और मंत्रियों के परिजनों को टिकट मिले हैं, तो फिर संगठन मेरे साथ भेदभाव क्यों कर रहा है? उन्होंने कहा कि गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र से मेरे परिवार का बरसों पुराना नाता है. इस नाते इस सीट पर मेरी दावेदारी स्वाभाविक है. बैठक में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ ही गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र के कई पार्षद और मंडल पदाधिकारी भी बैठक में मौजूद थे.

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर मचे घमासान के बीच दोनों ही पार्टियों को बागियों से निपटने में भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. भाजपा की ओर से टिकट नहीं मिलने की वजह से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी के भाई के संजय सिंह मसानी शनिवार को कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. इस मौके पर उन्होंने कहा कि राज्य को मुख्यमंत्री के तौर पर कमलनाथ की जरूरत है न कि चौहान की. मसानी चौहान की पत्नी साधना सिंह के भाई हैं.

मसानी प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ और राज्य के दूसरे वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए. मसानी ने कहा कि मध्य प्रदेश को शिवराज सिंह चौहान की जरूरत नहीं है, बल्कि कमलनाथ की है. हम जानते हैं कि छिंदवाड़ा का विकास कैसे हुआ और इसकी पहचान कमलनाथ के साथ जुड़ी है. राज्य की पहचान भी उनके साथ जोड़ने की जरूरत है.

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