सुपौल : सदर थाने में उससमय अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गयी, जब अपनी सास और मासूम बच्चे के साथ पहुंची एक महिला ने जिंदा होने की पुष्टि कर दी. दरअसल, जिस महिला को पुलिस और उसके परिजनों ने करीब पांच महीने पहले मृत घोषित कर चुके थे. वहीं, तथाकथित मृत नवविवाहिता सोनिया की हत्या के जुर्म में छह माह से उसके पति और ससुर जेल में बंद हैं. मृतका की सास पांच माह 20 दिन जेल काट कर निकली हैं. उस महिला के अचानक सामने आ जाने से आमलोगों के साथ ही पुलिस वाले भी हैरत में पड़ गये. लोगों की मानें तो जिंदा को मृत घोषित करने के इस खेल में पुलिस से कहीं अधिक उसके परिजनों को जिम्मेवार माना जा रहा है, जिन्होंने उसकी पहचान कर उसका क्रियाकर्म भी कर दिया और उसके ससुराल वाले को जेल की हवा भी खिला दी.
क्या है मामला
गौरतलब है कि इसी साल 26 मई को कोसी तटबंध के किनारे तेलवा के पास एक युवती की लाश क्षत-विक्षत अवस्था में मिली थी. ठीक उससे एक दिन पहले सोनिया भी अपनी ससुरालवालों से झगड़ कर अपने घर से निकल गयी. इसके बाद सदर पुलिस ने लाश को अज्ञात मानकर लाश को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. चौकीदार के बयान पर केस भी दर्ज कर लिया. इधर, घटना के दो दिन बाद जब घर से भागी सोनिया का कुछ पता नही चला, तो अखबारों में छपी खबर के आधार पर उसके मायके वाले सदर थाना पहुंच कर लाश की पहचान सोनिया के रूप में कर दी. साथ ही उसके सास, ससुर और पति पर हत्या का मुकदमा भी कर दिया. जिसके बाद पुलिस ने उन्हें जेल भेज दिया. छह माह से सोनिया के निर्दोष पति और ससुर जेल में बंद हैं. वहीं, सास हाल ही में जमानत पर जेल से बाहर निकली हैं. सोनिया ने बताया कि उसे किसी ने दिल्ली पहुंचा दिया था, जहां छह माह के बाद उसे अपने ससुराल वालों की याद आयी. फिर उसने मोबाईल पर ससुराल पक्ष से बात की.इधर, सोनिया के जिंदा होने बात से पुलिस के भी होश उड़ गये है कि आखिर जिस केस में पुलिस ने जांच की. हत्या की बात सही मानकर उसके सास, ससुर और पति को जेल भेज दिया वो आज जिंदा कैसे हो गयी.
कहते हैं पुलिस अधिकारी
इस बाबत सदर एसडीपीओ विद्यासागर ने बताया कि पुलिस ने अज्ञात लाश को बरामद किया था और कानून के हिसाब से उसे तीन दिनों तक सदर अस्पताल में रखा. इसी बीच, उस लाश की पहचान सोनिया के रूप में उसके माता-पिता ने की थी. लेकिन, अब इस बात की जांच की जायेगी कि वह लाश आखिर किसकी थी. बहरहाल, अब यह बड़ा सवाल है कि आखिर निर्दोष को मिली सजा के दिन कौन लौटायेगा और वह लाश किसकी थी, जिसकी गुत्थी नही सुलझी.