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मुनिराज विप्रण सागर पंचतत्व में विलीन

भागलपुर : पोस्टमार्टम के बाद बुधवार को मुनिराज विप्रण सागर महाराज का पार्थिव शरीर एंबुलेंस से नाथनगर कबीरपुर स्थित दिगंबर जैन सिद्धक्षेत्र परिसर लाया गया. यहां पर नमो अरिहंतानम् महामंत्र व मुनिराज के जयकारा के साथ अग्नि संस्कार जैन विधि-विधान से किया गया और मुनिराज विप्रण सागर महाराज पंचतत्व में विलीन हो गये. चंदन, कपूर, […]

भागलपुर : पोस्टमार्टम के बाद बुधवार को मुनिराज विप्रण सागर महाराज का पार्थिव शरीर एंबुलेंस से नाथनगर कबीरपुर स्थित दिगंबर जैन सिद्धक्षेत्र परिसर लाया गया. यहां पर नमो अरिहंतानम् महामंत्र व मुनिराज के जयकारा के साथ अग्नि संस्कार जैन विधि-विधान से किया गया और मुनिराज विप्रण सागर महाराज पंचतत्व में विलीन हो गये.
चंदन, कपूर, घी व नारियल से किया गया अग्नि संस्कार
मुनिराज विप्रण सागर महाराज के पार्थिव शरीर को एंबुलेंस से उतारा गया और शव को जैन विधि-विधान से सजाया गया. फिर सरसंघ के साथ आये 90 वर्षीय क्षुल्लक ध्येय सागर महाराज काे दर्शन कराया गया. क्षुल्लक महाराज चीत्कार करने लगे. उनकी हालत खराब होते देख कर उन्हें पुन: मंदिर लौटाया गया.
इसके बाद नमोकार महामंत्र का जाप करते हुए महिला-पुरुष श्रद्धालु मुनिराज वासुपूज्य महाराज के खड़गासन प्रतिमा के समीप समाधि स्थल परिसर में चिता सजायी गयी. सबसे पहले महिला-पुरुष श्रद्धालुओं ने चिता की परिक्रमा तीन-तीन बार की. फिर चंदन की लकड़ी, आम की लकड़ी, ईख, नारियल, 11 किलो घी, दो किलो कपूर आदि से अग्नि संस्कार किया गया.
प्रधान सेवक अरविंद जैन उर्फ केजरीवाल ने दी मुखाग्नि
प्रधान सेवक अरविंद जैन उर्फ केजरीवाल ने मुनिराज विप्रण सागर की चिता को मुखाग्नि दी. इससे पहले बार-बार प्रधान सेवक केजरीवाल रो रहे थे. कभी उनके शरीर से लिपट कर कह रहे थे कि केजरीवाल को कौन देखेगा महाराज जी. अब कैसे रहेगा केजरीवाल. इस दौरान सब गमगीन थे.
सरसंघ में ये थे शामिल, दीपावली के बाद करेंगे प्रस्थान
मुनिराज विप्रण सागर महाराज के साथ सरसंघ में प्रधान सेवक अरविंद जैन, क्षुल्लक जी ध्यान भूषण महाराज, क्षुल्लक ध्येय सागर महाराज, 94 वर्षीया क्षुल्लिका विदेहमति माता जी शामिल थे. दीपावली के बाद चतुर्मास समाप्त होगा. संघ किस दिशा की ओर गमन करेगा, इस पर समाज विचार करेगा.
जैन मंदिर में नमोकार जाप
कोतवाली स्थित दिगंबर जैन मंदिर में शाम साढ़े छह से साढ़े सात बजे तक नमोकार महामंत्र का जाप हुआ. इसमें समाज के महिला-पुरुष श्रद्धालु बड़ी संख्या में शामिल हुए.
जैन समाज मर्माहत है
इस पूरी घटना पर संपूर्ण जैन समाज काफी मर्माहत है और सभी शोक में डूबे हैं. भगवान के स्मरण के सिवाय और कुछ नहीं सूझ रहा है.
सुनील जैन, मंत्री, दिगंबर जैन सिद्धक्षेत्र
खजूर के वृक्ष में लटका दी पिच्छी व कमंडल
शव सजाने के समय उनके हाथ में कमंडल और मोर पंख की पिच्छी को रख दिया. फिर चिता सजाने से पहले उनकी पिच्छी व कमंडल को खजूर के वृक्ष में लटका दिया गया. श्रद्धालुओं ने बताया कि यहां की परंपरा है कि मुनिराज व जैन संन्यासी का सामान सिद्धक्षेत्र के खजूर व ताड़ के पेड़ पर सुरक्षित लटका दिया जाता है.

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