पटना : मॉरीशस गये बिहार के प्रतिनिधिमंडल ने अपने प्रवास के दौरान वहां के प्रधानमंत्री प्रवीण जगन्नाथ और राष्ट्रपति से औपचारिक मुलाकात की. उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रवीण जगन्नाथ को बिहार आने का न्योता दिया गया. महात्मा गांधी संस्थान में 1842 से 1910 के बीच कोलकाता बंदरगाह से मॉरीशस गये 4 लाख 54 हजार गिरमिटिया मजदूरों के 2055 रजिस्टर में दर्ज नाम, पत्ते, जाति और प्रवास की तिथि आदि के निरीक्षण के बाद बिहार सरकार की ओर से इन मजदूरों के दस्तावेज उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया.
मोदी ने कहा कि 2055 रजिस्टर में दर्ज गिरमिटिया मजदूरों के रिकॉर्ड के आधार पर बिहार सरकार उनके गांवों को चिन्हित करने के साथ यह पता लगायेगी कि किन-किन गांवों से कितने लोग मॉरीशस गये थे. महात्मा गांधी संस्थान के प्रभारी ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि इन सारे रिकॉर्ड को डिजिटल किया जा रहा है.
बिहार और मॉरीशस के जीवंत संबंध का उल्लेख करते हुए कहा कि मॉरीशस के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम 2007 में बिहार दौरे पर आये थे, मुख्यमंत्री ने उनका भव्य स्वागत किया था और पटना में पूर्व राष्ट्रपति सर शिवसागर रामगुलाम की मूर्ति स्थापित करने के साथ ही गांधी मैदान के पूर्वी छोर पर स्थित चौराहे का नाम ‘रामगुलाम चौक’ रखा गया है.
वाराणसी में अगले साल जनवरी में आयोजित भारतीय प्रवासी दिवस समारोह में मॉरीशस के 300 लोगों के प्रतिनिधिमंडल में 200 भोजपुरी भाषी होंगे. जिसका उद्घाटन मॉरीशस के प्रधानमंत्री करेंगे. बिहार के प्रतिनिधिमंडल की ओर से उनसे समय निकाल कर बिहार आने का आग्रह किया गया.
मॉरीशस के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने भारत सरकार के प्रति धन्यवाद व्यक्त किया कि भारतीय प्रवासी दिवस समारोह के बाद मॉरीशस से आने वाले प्रतिनिधिमंडल को कई रियायतें देने के साथ ही प्रयागराज कुंभ मेला भ्रमण और फिर दिल्ली में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने की व्यवस्था भारत सरकार की ओर से की गयी है.