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प्रेशर के साथ प्रॉफिट की पॉलिटिक्स कर भाजपा को तौल रहे उपेंद्र कुशवाहा

अनुज शर्मा पटना : रालोसपा प्रमुख एवं मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा प्रेशर के साथ प्राॅफिट की पॉलिटिक्स कर रहे हैं. वे देश की सबसे बड़ी पार्टी से तोल-मोल कर रहे हैं. हालांकि, उन्होंने यह संकेत दे दिया है कि भाजपा ने उदारता नहीं दिखायी तो वे लालटेन जलाने से भी परहेज नहीं करेंगे. […]

अनुज शर्मा
पटना : रालोसपा प्रमुख एवं मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा प्रेशर के साथ प्राॅफिट की पॉलिटिक्स कर रहे हैं. वे देश की सबसे बड़ी पार्टी से तोल-मोल कर रहे हैं. हालांकि, उन्होंने यह संकेत दे दिया है कि भाजपा ने उदारता नहीं दिखायी तो वे लालटेन जलाने से भी परहेज नहीं करेंगे. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि वे एनडीए से अभी ब्रेकअप करने की जगह अपनी बात मनमाने के लिए प्रयास जारी रखेंगे.
मंगलवार को पटना से दिल्ली तक की सियासत उपेंद्र कुशवाहा के इर्द-गिर्द ही घूमती रही. भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव से बातचीत की. लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान से मुलाकात करने के बाद पत्रकार वार्ता कर उपेंद्र कुशवाहा ने लगभग अपने पत्ते खोल दिये हैं.रालोसपा प्रमुख ने दो टूक कह दिया कि वे बिहार सरकार में भी हिस्सा चाहते हैं. नीतीश कुमार को वे बड़ा भाई भी बता रहे हैं.
सूत्रों की मानें तो उपेंद्र बिहार सरकार में पार्टी कोटे से एक मंत्री पद चाहते हैं. दिल्ली में पत्रकार वार्ता के दौरान अरवल में राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव से मुलाकात को लेकर दी गयी सफाई भी उनकी सियासी रणनीति का हिस्सा थी. यह प्रचार हो गया था कि वे दोनों तरफ (भाजपा- राजद) बातचीत कर रहे हैं. वे इस समझाने में सफल भी हुए कि अरवल में तेजस्वी से मुलाकात महज इत्तेफाक थी.
राजनीतिक विश्लेषक सुरेंद्र किशोर ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा तोल-मोल में लगे हैं. भाजपा थोड़ी उदारता दिखाये तो मामला पट जायेगा. भाजपा से बात नहीं बनने पर वे तेजस्वी के साथ जायेंगे. इसमें कोई छिपी हुई बात नहीं है. हालांकि, अभी वह स्टेज नहीं आया है. कुशवाहा की मांग भी गैरवाजिब नहीं है. राज्य में कुशवाहों का अच्छा खासा वोट है. हालांकि, यह वोटर बिहार की राजनीति में किसी के साथ जोड़न का ही काम कर सकता है. चुनाव के दौरान दही में जामन की तरह काम करता है.
अब बर्दाश्त नहीं होगा अन्याय, जदयू ने छीना हक : नागमणि
पार्टी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की दिल्ली में पत्रकार वार्ता के बाद रालोसपा के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ने जदयू और भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा और आरजेडी के बाद रालोसपा सबसे बड़ी जनाधार वाली पार्टी है. उपेंद्र कुशवाहा स्वच्छ छवि के नेता हैं.
इस आधार पर रालोसपा को सम्मानजनक सीट मिलनी चाहिए. जदयू के पास मात्र डेढ़ से दो फीसदी वोट है. उसे भाजपा 15 से 17 सीट देने की बात कर रही है, जदयू से पांच गुना ताकतवर पार्टी रालोसपा को मात्र दो से तीन यह बिलकुल मंजूर नहीं है. मुख्यमंत्री ने हमारी पार्टी को हमेशा नजरंदाज किया है. एनडीए की सरकार बनी तो हमारा पार्टी से मंत्री नहीं बनाया गया.
एनडीए में जो सीटों के बंटवारे और अन्य बातों को लेकर मसले उठते हैं, वह एनडीए के फोरम के अंदर ही तय हों तो अच्छा है. कई बार हमारे लीडर और पार्टी के बारे में विचार आते रहते हैं, लेकिन हम कभी भी उनको नहीं उठाते हैं. हम केंद्र सरकार को समर्थन दे रहे हैं, लेकिन कभी केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल होने की मांग नहीं की. इस पर सवाल भी नहीं उठाया.
– केसी त्यागी, राष्ट्रीय महासचिव, जदयू

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