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युवती ने थाने में खाया जहर, पंचायत कर रहा था परेशान, 3 साल की उम्र में ही तय हो गयी थी शादी

जोधपुर : शादी का वादा पूरा नहीं कर पाने पर पड़ रहे दबावों से तंग आकर चार्टर्ड एकाउन्टेंट महिला ने यहां एक थाने में जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया. महिला के माता-पिता ने तीन साल की उम्र में ही एक व्यक्ति से उसकी शादी तय कर दी थी. अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि […]

जोधपुर : शादी का वादा पूरा नहीं कर पाने पर पड़ रहे दबावों से तंग आकर चार्टर्ड एकाउन्टेंट महिला ने यहां एक थाने में जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया. महिला के माता-पिता ने तीन साल की उम्र में ही एक व्यक्ति से उसकी शादी तय कर दी थी.

अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि दिव्या चौधरी (22) की जीवराज नाम के व्यक्ति से उस वक्त सगाई हुई थी जब वह तीन साल की थी. दिव्या की ओर से पुलिस में दी गयी शिकायत के अनुसार पिछले कुछ वर्षों से जीवराज का परिवार दिव्या पर उसके माता-पिता द्वारा किये गये वादे को पूरा करने के लिये दबाव डाल रहा था. कुछ समय तक टाल-मटोल करने के बाद दिव्या ने जीवराज से शादी करने से साफ तौर पर इंकार कर दिया. इसके बाद स्थानीय पंचायत ने उसके परिवार पर 16 लाख रुपये का जुर्माना लगाया.

शिकायत के अनुसार पंचायत को रकम का भुगतान करने के बावजूद जीवराज का परिवार दिव्या पर दबाव डालता रहा. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि शिकायत से नाराज होकर पंचों ने 20 लाख रुपये की नयी मांग रख दी. साथ ही पंचायत ने सामाजिक बहिष्कार से बचने के लिये उसके परिवार से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने और शिकायत वापस लेने को कहा. रविवार को पंचायत की बैठक से पहले दिव्या थाना पहुंची और पुलिस अधिकारियों और अपने परिवार के सदस्यों के सामने उसने जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया.

दिव्या ने कहा, ‘‘मैं इतनी डर गई थी कि मैंने अपने घर से बाहर निकलना बंद कर दिया. अपना करियर बनाने की मेरी उम्मीदें धराशायी हो गईं. पंचायत के हस्तक्षेप करने के बाद मुझे कोई उम्मीद नहीं दिखाई पड़ी और इसलिये मैंने जहर का सेवन कर लिया.” डीसीपी (पूर्व) अमनदीप सिंह ने बताया कि मामले की जांच एससी-एसटी प्रकोष्ठ के डीएसपी रैंक के एक अधिकारी नारायण सिंह को सौंप दी गयी है. अधिकारियों ने बताया कि सरपंच, जोधपुर के मौजूदा जिला प्रमुख के पिता समेत पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

अधिकारियों ने कहा कि मामले में पुलिस की कथित लापरवाही का भी संज्ञान लिया गया है. इस बीच, पुलिस ने कहा कि प्राथमिकी दर्ज किये जाने के बाद दिव्या अपना बयान दर्ज कराने के लिये उसके समक्ष उपस्थित नहीं हुई. संपर्क किये जाने पर नारायण सिंह ने कहा कि उन्हें मामले की फाइल नहीं मिली है और इसका अध्ययन करने के बाद ही वह कोई टिप्पणी कर सकेंगे। संबंधित थाना प्रभारी और एसीपी ने मामले पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। सामाजिक दबावों के बावजूद दिव्या हाल में सर्टिफाइड चार्टर्ड एकाउन्टेंट बनी थी.

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