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पटना : सूखा राहत पर 1400 करोड़ खर्च करेगी सरकार, जानें कौन-कौन है प्रभावित जिले
प्राथमिक तौर पर विभिन्न विभागों ने खर्च का लगाया हिसाब, मुख्य सचिव को सौंपी रिपोर्ट पटना : सूखा राहत पर बिहार सरकार 1400 करोड़ रुपये खर्च करेगी. प्राथमिक स्तर पर विभिन्न विभागों से इतनी ही राशि की मांग हुई है. चूंकि सूखाग्रस्त क्षेत्रों की संख्या बढ़ने वाली है. सरकार के स्तर से इस पर मंथन […]
प्राथमिक तौर पर विभिन्न विभागों ने खर्च का लगाया हिसाब, मुख्य सचिव को सौंपी रिपोर्ट
पटना : सूखा राहत पर बिहार सरकार 1400 करोड़ रुपये खर्च करेगी. प्राथमिक स्तर पर विभिन्न विभागों से इतनी ही राशि की मांग हुई है.
चूंकि सूखाग्रस्त क्षेत्रों की संख्या बढ़ने वाली है. सरकार के स्तर से इस पर मंथन चल रहा है. इसलिए भविष्य में राशि की मांग बढ़ भी सकती है. मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा कि संबंधित विभागों से राशि की मांग आ चुकी है. सरकार पर्याप्त पैसे देगी. जल्दी ही इसको लेकर आगे की प्रक्रिया पूरी की जायेगी.
सोमवार को मुख्य सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में सूखा को लेकर समीक्षा की गयी. इसमें कृषि, बिजली, पीएचईडी, आपदा प्रबंधन, पशुपालन आदि विभागों के प्रधान सचिव, सचिव व अन्य पदाधिकारी शामिल हुए.
मौसम की बेरुखी झेल रहे अन्नदाताओं को राहत देने के लिए चल रही तैयारियों को लेकर मुख्य सचिव ने विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी ली. कृषि विभाग से बताया गया कि सौ से अधिक और प्रखंड ऐसे हैं, जहां बारिश की स्थिति अच्छी नहीं रही. इनकी रिपोर्ट कृषि विभाग ने मुख्य सचिव को सौंपी. अब तक बिहार सरकार ने प्रदेश के 23 जिलों के 206 प्रखंडों को सूखा घोषित किया है.
यह आंकड़ा बढ़ेगा. इसको लेकर संबंधित विभागों के अधिकारियों को लगाया गया है. 26 अक्टूबर को हुई बैठक में मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कृषि, बिजली, पीएचईडी, आपदा प्रबंधन, पशुपालन आदि विभागों से स्पष्ट कहा था कि डिमांड जेनरेट करके जल्दी से जल्दी विभागीय स्तर से भेजा जाये. मुख्य सचिव ने बताया कि सभी विभागों से रिपोर्ट मिल गयी है. करीब 1400 करोड़ की डिमांड आयी है.
इससे पूर्व प्रभावित जिलों के प्रखंडों में सीधे कृषि से जुड़े मामलों में सहकारिता ऋण, राजस्व लगान एवं सेस, पटवन, शुल्क, विद्युत शुल्क आदि की वसूली वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए स्थगित करने का निर्देश सरकार ने पहले ही जारी कर दिया है. मुख्य सचिव ने निर्देश दिया है कि सूखाग्रस्त क्षेत्रों में नियमानुसार दी जानेवाली सहायता प्रावधानों को लागू कर दिया गया है. फसलों को बचाने, वैकल्पिक कृषि कार्य की व्यवस्था, पशु संसाधनों का रख-रखाव एवं अन्य कार्यों की व्यवस्था करने के निर्देश दिये गये हैं.
सूखाग्रस्त प्रखंडों के किसानों को दी जायेगी हरसंभव सहायता
पटना. कृषि मंत्री डाॅ प्रेम कुमार ने सोमवार को अधिकारियों के साथ बैठक कर सूखे से उत्पन्न स्थिित का आकलन किया. मंत्री ने कहा कि किसानों को हर संभव सहायता मिलेगी. मंत्री ने कहा कि आकस्मिक फसल योजना के तहत दलहनी एवं तेलहनी फसल के बीज किसानों के बीच नि:शुल्क वितरण किया जायेगा. रबी मौसम में गेहूं की पूर्व से स्वीकृत तीन सिंचाई को बढ़ाकर अब चार सिंचाई एवं मक्का के लिए पूर्व स्वीकृत दो सिंचाई को बढ़ाकर अब तीन सिंचाई के लिए अनुदान मिलेगा.
प्रभावित जिले
पटना, भोजपुर, बक्सर, कैमूर, गया, जहानाबाद, नवादा, औरंगाबाद, सारण,सीवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, वैशाली, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, मुंगेर, शेखपुरा, जमुई, भागलपुर, बांका, नालंदा एवं सहरसा.
सूखा राहत को लेकर सरकार गंभीर
सूखा राहत को लेकर सरकार गंभीर है. संबंधित विभागों के साथ लगातार समीक्षा की जा रही है. डिमांड जेनरेट करने के निर्देश दिये गये थे, ताकि जल्दी से जल्दी आगे की प्रक्रिया पूरी की जाये. सभी विभागों ने डिमांड भेज दिया है. करीब 1400 करोड़ रुपये की राशि मांगी गयी है. सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए पैसे की कमी नहीं होने दी जायेगी.
-दीपक कुमार, मुख्य सचिव
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