नयी दिल्ली : महिलाओं के बीच अपनी पहुंच मजबूत बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की सहयोगी संगठन राष्ट्र सेविका समिति ने अगले दो वर्षों के दौरान बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान के कुछ इलाकों एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश में जिला एवं तहसील स्तर तक अपनी शाखाओं का विस्तार करने की योजना बनायी है.
राष्ट्र सेविका समिति की अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनीला सोनी ने कहा, ‘हमारा लक्ष्य अगले दो-तीन वर्षों में देश के सभी प्रांतों में जिला एवं तहसील स्तर तक अपनी शाखाओं का विस्तार करना है.’
उन्होंने कहा कि बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान के कुछ इलाकों एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश में समिति की उपस्थिति थोड़ी कम है. ऐसे में हमारा प्रयास है कि अगले दो वर्षों में इन इलाकों में जिला एवं तहसील स्तर पर शाखाओं का विस्तार किया जाये.’
सोनी ने कहा कि देश के सभी राज्यों में समिति की शाखाएं चल रही हैं. महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, पूर्वोत्तर राज्यों सहित दक्षिण के कुछ राज्यों में जिला एवं तहसील स्तर पर शाखाएं चलती हैं.
राष्ट्र सेविका समिति की पदाधिकारी ने बताया कि अधिक से अधिक महिलाओं को जोड़ने के लिए इस वर्ष से प्रत्येक प्रांत में ‘परिवार प्रबोधन’ प्रकल्प शुरू किया गया है. इसके तहत महिलाओं, युवा दंपतियों को सामाजिक जिम्मेदारी से जुड़े कार्यक्रमों से जोड़ा जा रहा है. इसमें ज्येष्ठों एवं बच्चों की परवरिश से जुड़े विषय शामिल हैं.
उन्होंने कहा, ‘जल्द ही हम कुटुम्ब सलाह केंद्र और किशोरी विकास केंद्र स्थापित करेंगे. इससे स्वास्थ्य, स्वावलंबन एवं सशक्तिकरण के साथ अच्छे भाव से काम करने के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाना शामिल है.’
‘महाविद्यालय युवती संगम’
उन्होंने कहा कि काॅलेज की छात्राओं को जोड़ने की पहल करते हुए समिति ने ‘महाविद्यालय युवती संगम’ नामक एक प्रकल्प शुरू किया गया है, जो 30 वर्ष तक की युवतियों के लिएहै. संघ में महिलाओं की भागीदारी कम होने के आरोपों के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की सहयोगी संगठन राष्ट्र सेविका समिति ने जोर दिया कि महिलाओं की सहभागिता से राष्ट्र निर्माण के ध्येय से समिति पिछले 82 वर्षों से संघ के पूरक के रूप में काम कर रही है.
समानांतर काम करते हैं दोनों संगठन
उन्होंने कहा, ‘राष्ट्र सेविका समिति महिलाओं को लेकर संघ के समानांतर काम करती है और एक-दूसरे के पूरक संगठन हैं, दोनों संगठनात्मक दृष्टि से अलग हैं, दोनों के कार्यक्रम अलग हैं, शाखाएं अलग-अलग हैं, लेकिन संघ की सहयोगी के रूप में दोनों एक ध्येय एवं एक उद्देश्य से काम कर रही है.’