नयी दिल्ली : विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने सोमवार को कहा कि वह राम मंदिर के निर्माण के लिए अदालत के फैसले का अनंतकाल तक इंतजार नहीं कर सकती. साथ ही विहिप ने सरकार से राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए कानून लाने की अपील भी की.
विहिप के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने मोदी सरकार से संसद के शीतकालीन सत्र में इस विषय पर कानून बनाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, पांच अक्तूबर को संतों की उच्चाधिकार समिति की बैठक हुई है जिसमें यह निर्णय हुआ कि उच्चतम न्यायालय के फैसले का अनिश्चितकाल तक इंतजार नहीं किया जा सकता. विहिप के कार्याध्यक्ष ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने एक बार फिर मामले की सुनवाई को आगे बढ़ा दिया है. ऐसे में हमारे रुख को बल मिलता है कि राम मंदिर के निर्माण के लिए अनंत काल तक इंतजार नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए केंद्र सरकार कानून लाये.
विहिप के कार्याध्यक्ष का यह बयान ऐसे समय में सामने आया है जब उच्चतम न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई के विषय को अगले वर्ष जनवरी तक आगे बढ़ा दिया. कुमार ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण के लिए जनमत बनाने की पहल करते हुए विहिप सभी राज्य के राज्यपालों को ज्ञापन दे रही है. इसके बाद नवंबर महीने में देश भर में विहिप कार्यकर्ता क्षेत्र की जनता के साथ अपने सांसदों एवं जनप्रतिनिधियों से मिलेंगे और राम मंदिर के निर्माण के लिये कानून बनाने पर जोर देंगे.
विहिप के कार्याध्यक्ष ने कहा कि दिसंबर माह में राम मंदिर के निर्माण के लिए देशभर के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर यज्ञ, पूजा और अनुष्ठान किया जायेगा. आलोक कुमार ने कहा, इसके बाद हम प्रयाग में कुंभ के दौरान 31 जनवरी से फरवरी के पहले सप्ताह तक आयोजित होनेवाली धर्म संसद में स्थिति की समीक्षा करेंगे और आगे की रणनीति तय करेंगे. उल्लेखनीय है कि न्यायालय ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि मालिकाना हक विवाद मामले में दायर दीवानी अपीलों को अगले साल जनवरी के पहले हफ्ते में एक उचित पीठ के सामने सूचीबद्ध किया है जो सुनवाई की तारीख तय करेगी. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्ववाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि उचित पीठ अगले साल जनवरी में सुनवाई की आगे की तारीख तय करेगी.