भागलपुर : एक बार फिर छठ महापर्व को लेकर एक बार फिर घाट की समस्या गहरा गयी है. जमुनिया धार का जलस्तर काफी कम हो गया है. धार में गाद व कचरे पानी के ऊपर दिखने लगे हैं. बदबू इस कदर कि लोग घाट पर खड़े होने से भी परहेज करने लगे हैं. ऐसे में छठ के दौरान लोग कहां डाला रखेंगे और कहां खड़े होकर अर्घ देंगे, लोगों को अब इस बात की चिंता सताने लगी है.
बूढ़ानाथ मंदिर घाट पर छठ के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है. घाट पर जगह भी काफी है. लेकिन यहां भी गंदगी और बदबू से भरा जमुनिया का पानी काला पड़ चुका है.
2015 में छोड़ा गया था हनुमना डैम से पानी: वर्ष 2015 में भी चंपानाला व जमुनिया धार में पानी काफी कम हो गया था. गंदगी और बदबू से घाटों पर रुक पाना भी मुश्किल हो गया था. छठ से पहले तत्कालीन जिलाधिकारी आदेश तितरमारे व तत्कालीन एसएसपी विवेक कुमार ने घाटों का निरीक्षण किया था. इसके बाद पदाधिकारियों ने घाटों पर पानी की समस्या को देखते हुए हनुमना डैम से पानी छोड़ने का निर्णय लेते हुए पानी छोड़ा गया था.
एसडीओ को दी जा चुकी है धार में पानी कम होने की जानकारी
अंग सेवा समिति, बूढ़ानाथ की बैठक शीला विवाह भवन में रविवार को हुई. सदस्यों ने घाटों में गंदगी व पानी की कमी पर विचार-विमर्श किया. जिला प्रशासन से पूर्व वर्ष की तरह इस वर्ष भी हनुमना डैम (बांका) से पानी छोड़ने की मांग की. सदस्यों ने कहा कि हनुमना डैम से पानी छोड़े जाने के बाद ही चंपानाला घाट से बरारी पुल घाट तक छठ व्रती छठ कर सकेंगी.
गत 27 अक्तूबर को डीआरडीए सभागार में काली पूजा व चेहल्लुम को लेकर आयोजित बैठक में अभय घोष सोनू ने सदर एसडीओ को गंगा में पानी छोड़ने की मांग की थी. अंग सेवा समिति के सदस्यों ने इस वर्ष भी बूढ़ानाथ घाट पर तन, मन व धन से कार्य करने का संकल्प लिया. समिति के सदस्यों ने नगर निगम प्रशासन से घाट व्यवस्था के लिए सहयोग की उपेक्षा की. इस मौके पर प्रवीण, मनोज, सुरेंद्र, विनय, मोहित, जयंत, विक्रम, वेद प्रकाश, गुड्डू, अभिषेक, डब्बा, सागर पंडित, ओम प्रकाश, पप्पू, रंजीत, चुन्नू, राजा, रमेश, रमन, संजय, लव आदि मौजूद थे.