नयी दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव वॉ का मानना है कि गेंद से छेड़छाड़ के लिये कड़ी सजा के प्रावधान नहीं होने से खिलाड़ियों ने सीमा का उल्लंघन करने की जुर्रत की.
वॉ ने दक्षिण अफ्रीका में हुए गेंद से छेड़छाड़ के विवाद के लिये अधिकारियों को दोषी ठहराया जिसके बाद स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर को निलंबित कर दिया गया था. इन दोनों पर एक साल का अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगा था. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने इस साल मार्च में कैमरन बैनक्रोफ्ट को इस प्रकरण में उनकी भूमिका के लिये नौ महीने के लिये निलंबित कर दिया था.
जब यह घटना हुई तब आईसीसी आचार संहिता के अनुसार गेंद से छेड़छाड़ करना लेवल दो का अपराध माना जाता था लेकिन इसके बाद से इसे लेवल तीन वर्ग में कर दिया गया जिसमें छह टेस्ट या 12 वनडे मैचों का प्रतिबंध शामिल है. वॉ ने पेरिस में लॉरेस कार्यक्रम में ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा, वे मैदान की खुरदुरी जगह पर गेंद फेंकते रहे लेकिन वे इसमें ढिलाई बरतते रहे जो उन्हें नहीं करना चाहिए और इसके बाद चीजें बढ़ती चली गयीं.
यह शर्मनाक है कि चीजें इस हद तक चली गयीं लेकिन मुझे लगता है कि अधिकारियों ने यह सब होने दिया. उन्होंने कहा, बीते समय में भी कप्तान हुए हैं जिन्हें गेंद से छेड़छाड़ के लिये सजा दी गयी लेकिन लेकिन यह बहुत कम थी इसलिये कुछ भी गलत करने के लिये सजा नहीं दी गयी और ऐसे ही मामले होते हैं जब यह नियत्रंण से बाहर हो जाता है.
वॉ ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया की आंतरिक व्यवस्था ऐसी थी कि खिलाड़ी सच्चाई से दूर हो गये और उन्हें लगने लगा कि वे खेल से बड़े हो गये हैं. उन्होंने कहा, वे कई चीजों से सुरक्षित हैं. टीम के इर्द गिर्द ऐसे काफी लोग हैं जो उन्हें बचाये रखते हैं और उन्हें कहते हैं कि वे कितने अच्छे हैं और हर चीज कितनी शानदार है जिससे कभी कभार आप सच्चाई से दूर होते रहते हो और मुझे लगता है कि यह स्टीव स्मिथ के यह कहने से भी पता चलता है जिसमें उन्होंने कहा, ‘हम दोबारा से यह गलती नहीं करेंगे और आगे बढ़ जायेंगे’.
वॉ ने कहा, उन्हें यह महसूस ही नहीं हुआ कि यह कितनी बड़ी गलती थी और उन्होंने सचमुच क्या किया है. इसलिये मेरे लिये इसका मतलब यही था कि वे सच्चाई से वाकिफ नहीं थे जिससे एक औसत व्यक्ति रू-ब-रू रहता है.