श्रीनगर : कश्मीर घाटी में पत्थरबाजों के कारण एक जवान शहीद हो गया जिससे वहां का माहौल गरम हो चुका है. मामले में थलसेना अध्यक्ष बिपिन सिंह रावत का भी बयान आया जिसमें उन्होंने कहा कि पत्थरबाजों के हमले से एक जवान शहीद हो गया, इसके बाद भी लोग कहते हैं कि पत्थरबाजों को आतंकियों का सहयोगी नहीं समझा जाना चाहिए.
आगे सेना प्रमुख ने कहा कि पत्थरबाजों के हमले में शहीद हुआ जवान सड़क बना रही बॉर्डर रोड टीम की रक्षा में खड़ा था. उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि भारतीय सेना पड़ोसी मुल्क से निपटने के लिए दूसरे विकल्प अपनाने में पूरी तरह सक्षम है. यहां चर्चा कर दें कि गुरुवार को सीमा संगठन (बीआरओ) के काफिले को सुरक्षा प्रदान कर रहे जवान राजेंद्र सिंह पर हमला उस समय किया गया, जब काफिला एनएच 44 के पास अनंतनाग बाइपास तिराहे से क्रॉस कर रहा था.
इस दौरान कुछ युवकों ने वाहन पर पथराव शुरू कर दिया जिससे एक पत्थर जवान के सिर में जा लगा और वह घायल हो गया. इसके बाद राजेंद्र सिंह को तत्काल प्राथमिक चिकित्सा दी गयी और 92 बेस अस्पताल पहुंचाया गया. अस्पताल में जवान ने बाद में दम तोड़ दिया. घटना से नाराज रावत ने कहा कि एक सीमा रोड टीम जो सड़कों का निर्माण कर रही थी उसे सुरक्षा देने वाले जवान की पत्थरबाजों के हमले से मौत हो जाती है इसके बाद भी कुछ लोग कहते हैं कि पत्थरबाजों के साथ आतंकियों के संरक्षक की तरह व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए.
आगे सेना प्रमुख ने कहा कि हमने मामले में एफआईआर दर्ज करायी है. रावत ने कहा कि बॉर्डर टीम वहां हथियार बनाने के लिए नहीं, सड़क और पुल निर्माण के लिए है. पाकिस्तान को अच्छी तरह से पता है कि वह अपने मंसूबों में कभी कामयाब नहीं हो पाएगा. आतंक पड़ोसी मुल्क के लिए दूसरा रास्ता है ताकि मुद्दा कभी भी ठंडा न हो और कश्मीर का विकास कभी हो ही नहीं, लेकिन वह जान लें कि भारतीय राज्य इन सबका जवाब देने में सक्षम है और हम अलग-अलग ऑपरेशन चलाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.