मस्कट : गत चैंपियन भारत एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में शनिवार को एशियाई खेल स्वर्ण पदक विजेता जापान का सामना करेगी तो उसका लक्ष्य एक बार फिर उपमहाद्वीप में अपना दबदबा कायम करने का होगा. राउंड राबिन चरण में जापान को 9-0 से हराने वाली भारतीय टीम का पलड़ा एक बार फिर भारी होगा.
भारत अकेली ऐसी टीम है जिसे राउंड राबिन चरण में पराजय का सामना नहीं करना पड़ा. मलेशिया से गोलरहित ड्रा के अलावा भारत ने अपने सारे मैच जीते. भारत पांच मैचों में 13 अंक लेकर शीर्ष पर रहा. चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान 10 अंक लेकर दूसरे, मलेशिया तीसरे और जापान चौथे स्थान पर रहा.
भुवनेश्वर में अगले महीने होने वाले विश्व कप से पहले एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी आखिरी टूर्नामेंट है. भारतीय टीम एक बार फिर शानदार प्रदर्शन करके अपने आलोचकों को गलत साबित करना चाहेगी. हरेंद्र सिंह की टीम ने ओमान को 11-0 से, पाकिस्तान को 3-1 से, जापान को 9-0 और दक्षिण कोरिया को 4-1 से हराया.
भारतीय टीम एशियाई खेलों में महज कांस्य पदक जीतने की अपनी निराशा भी जापान को हराकर दूर करना चाहेगी. हरेंद्र ने मैच से पहले कहा, ‘मैं चाहूंगा कि मेरी टीम जज्बात पर काबू रखकर आक्रामक हॉकी खेले. सेमीफाइनल एकदम अलग मैच होगा. जापान के खिलाफ पिछले मैच की स्कोरलाइन अब कोई मायने नहीं रखती.’
दूसरी ओर जापान ने टीम में छह युवा खिलाड़ियों को शामिल किया है. सेमीफाइनल में पहुंची टीमों में सिर्फ जापान ही है जो विश्व कप में नहीं होगी. जापान के कोच सीगफ्राइड ऐकमैन ने कहा, ‘मैने हमेशा कहा है कि हमारे दस मुकाबलों में से नौ में भारत का पलड़ा भारी होगा. हमें उम्मीद है कि शनिवार को हम उसे हरायेंगे.’
दूसरे सेमीफाइनल में पाकिस्तान की टक्कर मलेशिया से होगी. फाइनल रविवार को खेला जायेगा.