जिस तरह से अभी कुछ दिनों से सीबीआइ में घमसान चल रहा है. इससे सीबीआइ के प्रति विश्वास में कमी जरूर आयेगी. देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी में ऐसा होना ठीक नहीं है, क्योंकि देश में अगर किसी एजेंसी के ऊपर सबसे ज्यादा भरोसा है, तो वह है सीबीआइ.
ऐसे में उसके शीर्ष अधिकारियों के ऐसे व्यवहार राष्ट्रहित में नहीं हैं. सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जिनके मन में लोभ हो, लालच हो, ऐसे व्यक्ति तो कतई सीबीआइ में नहीं हों. अब लोग विश्वास करें, तो किस पर करें?
जब किसी को न्याय पाने में जरा-सा भी संदेह होता है, तो वह सीबीआइ की ओर देखता है. उस पर भरोसा करता है. उसकी जांच पर सभी को विश्वास होता है. उसी सीबीअाइ के शीर्ष अधिकारियों का आपराधिक कृत्य के दायरे में आना निश्चय देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है.
अब जरूरी है कि इन दो अधिकारियों से जुड़े जितने भी मामले हैं, उन सभी को पूरी पारदर्शिता के साथ जल्द-से-जल्द निबटाया जाये. यह पूरा मामला हमारे देश को लज्जित करने वाला भी है, क्योंकि दूसरे देशों के लोग भी इसे देख-सुन रहे हैं. इसलिए पूरे मामले का जल्द-से-जल्द समाधान किया जाना चाहिए.
पालुराम हेंब्रम, जमशेदपुर