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सड़क पर बैठीं सेविका-सहायिका फंसी स्कूली बसें, बच्चे हुए परेशान
देवघर : झारखंड प्रदेश आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन रांची के तत्वावधान में देवघर समाहरणालय के सामने मुख्य चौराहे पर मंगलवार को करीब एक घंटे तक जाम का नजारा रहा. यूनियन से जुड़ी सैकड़ों महिलाओं ने अपनी मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद किया व जमकर सरकार के विरोध में नारे लगाये. आंगनबाड़ी सेविकाओं के अलावा सहायिकाओं […]
देवघर : झारखंड प्रदेश आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन रांची के तत्वावधान में देवघर समाहरणालय के सामने मुख्य चौराहे पर मंगलवार को करीब एक घंटे तक जाम का नजारा रहा. यूनियन से जुड़ी सैकड़ों महिलाओं ने अपनी मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद किया व जमकर सरकार के विरोध में नारे लगाये. आंगनबाड़ी सेविकाओं के अलावा सहायिकाओं ने अपना हक पाने के लिए मेन रोड अवरुद्ध कर दिया जिसमें कई स्कूल बसें भी रुकी रही व उस पर सवार स्कूली बच्चों को परेशानी का दंश झेलना पड़ा.
दर्जनों महिलाएं तख्तियों में स्लोगन लिख कर अपनी मांगों को दिखा रहे थे व सरकार की उपेक्षात्मक नीति की भर्त्सना कर रहे थे. प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बालमुकुंद सिन्हा ने संबोधित करते हुए कहा कि समान काम के लिए सरकार सेविकाओं व सहायिकाओं को समान वेतनमान जब तक नहीं देती है, चरणबद्ध आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी सेविाकओं व सहायिकाओं के पद सृजन 44 साल पहले हुआ है, लेकिन सरकार अब तक सरकारी कर्मी घोषित नहीं की है जिससे पूरे राज्य में आक्रोश है.
यूनियन की ओर से प्रधानमंत्री के नाम संबोधित नौ सूत्री मांगों का ज्ञापन डीसी को दिया गया. इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष के अलावा जिलाध्यक्ष राखी देवी, रामचंद्र पासवान, महेंद्र प्रजापति, प्रमिला यादव, सुशीला देवी, शोभा राजहंस, अंचला कुमारी, बतला महतो आदि थे.
ज्ञापन की प्रमुख मांगें
आंगनबाड़ी सेविकाओं व सहायिकओं को श्रमिक का दर्जा दिया जाय व सबों की सेवा स्थायी घोषित की जाय.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में समान काम समान वेतनमान लागू किया जाय.
पीएम द्वारा सेविकाओं को 1500 व सहायिकाओं को 750 रुपये अक्तूबर 2018 से बढ़ोतरी की गयी है, जिसमें नये बजट सत्र के दौरान सुधार कर मानदेय बढ़ोतरी की जाय.
यात्रा व चिकित्सा भत्ता की सुविधा दी जाय व सेवा निवृति की सीमा 65 की जाय.
सरकारी कर्मियों के अनुसार सेविकाओं व सहायिकाओं को अाकस्मिक अवकाश की सुविधा दी जाय आदि.
आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति
पूरे राज्य में आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या 38 हजार 645 हैं जिसमें 75 हजार सेविकाएं व सहायिकाएं कार्यरत हैं. आंकड़ों के अनुसार पूरे देश में 54 लाख आंगनबाड़ी सेविकाएं व सहायिकाएं कार्यरत हैं. पहले निर्देश के अनुसार तीन से छह साल तक के बच्चों को स्कूल की अवधि के पहले महज डेढ़ घंटे सेवा देनी होती थी, लेकिन फिलहाल 8 से 1 बजे तक सेवा देनी पड़ रही है. इसके अलावा गृह भ्रमण करना होता है.
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