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पीएम मोदी की तरह, नीतीश कुमार एक मजबूत नेता : हरिवंश

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संसदीय भाषणों का संकलन मंगलवार को पुस्तक के रूप में जारी किया गया. नीतीश कुमार बिहार में सत्ता संभालने से पहले लोकसभा सांसद रहे थे. बिहार विधान परिषद के उपभवन स्थित सभागार में आयोजित ‘नीतीश कुमार : संसद में विकास की बातें’ पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में […]

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संसदीय भाषणों का संकलन मंगलवार को पुस्तक के रूप में जारी किया गया. नीतीश कुमार बिहार में सत्ता संभालने से पहले लोकसभा सांसद रहे थे. बिहार विधान परिषद के उपभवन स्थित सभागार में आयोजित ‘नीतीश कुमार : संसद में विकास की बातें’ पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, बिहार विधान परिषद के उपसभापति हारूण रशीद और राज्य के मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव और श्रवण कुमार तथा जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह सहित कई अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित थे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हरिवंश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह, नीतीश कुमार एक मजबूत नेता हैं. यह भी सराहनीय है कि बिहार के मुख्यमंत्री बनने से पहले महत्वपूर्ण केंद्रीय मंत्रालयों की जिम्मेवारी संभालने के बावजूद उनकी ईमानदारी निष्कलंक है.

कभी बोझ रहे बिहार को नीतीश ने दिलायी देश के बड़े राज्यों से अधिक विकास औसत : हरिवंश
राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने कहा कि नीतीश कुमार समाजवादी आंदोलन से निकले लोगों में एकमात्र प्रमाणिक नेता हैं, जिन पर परिवारवाद या भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है. राजनीतिक दूरदर्शिता की बदौलत विपक्ष में भी इनकी समान लोकप्रियता है. नीतीश कुमार ने उस बिहार को दोबारा खड़ा किया, जिसके बारे में अर्थशास्त्री तक कहते थे कि इसको कोई बदल नहीं सकता. जो बिहार कभी देश पर बोझ था, उसने आज देश के रथ को आगे खींचना शुरू कर दिया है. अर्थशास्त्रियों की रिपोर्ट में भी यह प्रमाणित हुआ है कि बिहार की विकास औसत देश की विकास औसत से भी अधिक रही है. श्री हरिवंश मंगलवार को बिहार विधान परिषद उप भवन सभागार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संसदीय भाषणों के संकलन पर आधारित पुस्तक ‘ संसद में विकास की बातें ‘ के लोकार्पण समारोह में बोल रहे थे.

बदलते ट्रेंड के बीच संसद में उठाये ज्वलंत मुद्दे
श्री हरिवंश ने कहा कि 1990 के बाद देश बड़े बदलाव के दौर से गुजरा है. ऐसे वक्त जब वाद-विवाद का स्तर गिर रहा था, नीतीश जी ने गहराई से उन मुद्दों को उठाया जो भविष्य के लिए बड़े सवाल हैं. संसद में उनकी दो छवियां थी. एक बिहार के प्रति भावनात्मक लगाव और दूसरा देश की चिंता करने वाले सांसद का. वे सवाल ही नहीं उठाते, बल्कि उसका रास्ता भी बताते हैं. उप सभापति ने कहा कि नीतीश जी ने अपने भाषणों के माध्यम से समाज के उन कमजोर वर्गों की भी चिंता की, जिनका वोट बहुत अधिक महत्व नहीं रखता.

आधुनिक बिहार के विश्वकर्मा हैं नीतीश : चौधरी
बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार आधुनिक बिहार के विश्वकर्मा हैं. उनके कार्यकाल में हो रहे निर्माण देश-विदेश के लोगों के लिए नजीर साबित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि वैसे समय में जब सदन के अंदर विमर्श/वाद-विवाद के स्तर में गिरावट हो रही है, नीतीश जी के संसदीय भाषणों से संकलित यह किताब राजनीतिक नवांगतुकों के लिए बेहद उपयोगी साबित होगी. श्री चौधरी ने नीतीश कुमार के शासन शैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि विधि-व्यवस्था और सांप्रदायिक तनाव जैसे मामलों में इनकी संवेदनशीलता से काफी कुछ सीख मिलती है. कोई भी ईमानदार राजनीतिक कार्यकर्ता इनकी प्रशासनिक क्षमता पर सवाल नहीं खड़े कर सकता.

पीएम मोदी की तरह नीतीश कुमार में भी निर्णय लेने का साहस : सुशील मोदी
उपमुख्यमंत्री सुशील ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह ही नीतीश कुमार में भी निर्णय लेने का साहस है. नीतीश कुमार में हिम्मत है कि वे पंचायत चुनावों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण देने और शराबबंदी जैसे असाधारण निर्णय ले सकें. मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने बड़ी लकीर खींच दी है, जिसकी बराबरी शायद अगले 20-25 वर्षों में भी कोई नहीं कर पाये. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने केवल मुख्यमंत्री के नाते ही उल्लेखनीय काम नहीं किया है, रेलमंत्री के तौर पर भी उन्होंने ‘बेंचमार्क’ स्थापित किया. आमतौर पर यह धारणा थी कि विकास कार्यों से वोट नहीं मिलता है, मगर नीतीश कुमार ने यह साबित कर दिया कि विकास से ही वोट मिलता है. नीतीश कुमार के कार्यकाल को इतिहास हमेशा याद रखेगा.

सुशीलमोदी ने कहा कि लोकसभा या विधानसभा में दिया गया भाषण अपने समय का दर्पण होता है. लोकार्पित पुस्तक में नीतीश कुमार के संसद में दिये गये भाषणों का संकलन हैं मगर पिछले 12-13 वर्षों में मुख्यमंत्री के तौर पर विधानसभा और विधान परिषद में उनके भाषणों का एक दूसरा संस्करण भी प्रकाशित होना चाहिए. नीतीश कुमार के साथ काम करने वाले लोग अपने अनुभवों के आधार पर इस तरह की पुस्तक का तीसरा संस्करण निकालेंगे.

समारोह को जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, बिहार विधान परिषद के उपसभापति हारूण रशीद सहित कई अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया. स्वागत भाषण प्रभात प्रकाशन के प्रबंधक पीयूष कुमार ने जबकि कार्यक्रम का संचालन प्रो रामवचन राय ने किया. पुस्तक का संकलन करने वाले लेखक नरेंद्र पाठक ने बताया कि इसमें नीतीश कुमार के 1989 से 2005 तक सांसद व केंद्रीय मंत्री रहते 2044 डिबेट संकलित किये गये हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश ने संसद में दिये गये अपने भाषणों को जमीन पर उतारने का भी काम किया है.

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