गोपालगंज : मोदीजी ने अपराधियों के आगे हाथ जोड़ ली है. बिहार में कानून का राज नहीं है, हर दिन बेटी बहनों के साथ गैंग रेप, डकैती, हत्या, लूट और अपहरण की घटनाएं हो रही है. प्रधानमंत्री अपने सभी तोता मेरे परिवार के पीछे लगा दी है. देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसियां इडी हो या सीबीआई, आयकर सबको पीछे लगा दिया है. मेरा परिवार कभी झुका नहीं है. मैं भी लालू प्रसाद का खून हूं. आपका आशीर्वाद रहा तो कभी नहीं झुकेंगे. संविधान बचाओ न्याय यात्रा के दूसरे चरण के तीसरे दिन गोपालगंज के मिंज स्टेडियम में आहूत सभा को संबोधित करते हुए पूर्व डिप्टी सीएम व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कही.
उन्होंने कहा कि आज बाबा साहब आंबेडकर का संविधान खतरे में हैं. हम इसे बचाने के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार आरएसएस का नागपुरिया संविधान देश में लागू कर गरीबों का हक छीनना चाहती है. आरक्षण को खत्म करना चाहती है. लेकिन जब तक लालू प्रसाद हैं, कोई माई का लाल नहीं है जो संविधान और आरक्षण के साथ खिलवाड़ कर सके. देश में आरएसएस का कानून लागू नहीं होगा.
तेजस्वी ने कहा कि मेरा परिवार निर्दोष है इसलिए मैं जनता के बीच आया हूं. मुझे मालूम हो कि जनता की अदालत में बिना तारीख, बिना बहस के सिर्फ न्याय मिलता है. नेता प्रतिपक्ष निशाना साधते हुए कहा कि जनता ने लालू प्रसाद को बहुमत दिया था. लेकिन लोकतंत्र का हरण कर के नीतीश कुमार पिछले दरवाजे से सत्ता पर काबिज है. उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अपराधियों के सामने उप मुख्यमंत्री अपराध नहीं करने के लिए गिड़गिड़ा रहे हैं. सरकार रौब से चलती है अपराधियों के सामने हाथ जोड़ने से नहीं. आप लोगों के प्रेम व सहयोग देखकर हमें पूरी उम्मीद है की गोपालगंज हमारा गृह जिला है. यहां लालटेन फहराएगा जिसे कोई नहीं रोक सकता है. इस मौके पर राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे, पूर्वमंत्री आलोक मेहता, शिवचंद्र राम, प्रदेश युवा अध्यक्ष शोएबकारी, अभा लता, अरविंद सहनी, पूर्व उपसभापति सलिम परवेज, अनिल पासवान साधु, पूर्व विधायक किरण राय, रेयाजुल हक राजू, प्रेम शंकर यादव आदि मौजूद थे.
डी-घेरा तोड़कर मंच तक पहुंचे कार्यकर्ता, पुलिस ने भांजी लाठी
राजद के संविधान बचाओ न्याय यात्रा में उत्साहित कार्यकर्ता डी-घेरा को तोड़कर मंच तक पहुंच गये. इस दौरान कार्यकर्ताओं में धक्का मुक्की शुरू हो गयी. जिससे सुरक्षा कर्मियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठी भी चलानी पड़ी. कार्यकर्ता अनियंत्रित थे. स्टेडियम के गेट से लेकर मंच तक अफरा-तफरी का माहौल था.