रांची : वर्ष 1984 में पूरे भारत में हुए सिख विरोधी दंगों के शिकार हुए झारखंड के लोगों को जल्द मुआवजा मिल सकता है. इसके लिए झारखंड सरकार को एक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजनी होगी. ऐसा होने पर पीड़ित सिख परिवारों को 10 गुणा अधिक मुआवजा मिलेगा. यह जानकारी झारखंड राज्य झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष गुरविंदर सिंह सेठी ने दी.
श्री सेठी ने शुक्रवार की रात दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से उनके आवास पर मुलाकात की.इसीदौरान उन्होंने 84 सिख दंगाकेपीड़ितों को मुआवजा देने में होरही देरी पर भी चर्चा की. श्री सेठी ने गृह मंत्री को बताया कि मुआवजा न मिलने से दंगा प्रभावित परिवारों को कितनी परेशानियां हो रही हैं.
श्री सेठी ने गृह मंत्री को बताया कि झारखंड में भारी संख्या में 84 के दंगा के पीड़ित रहते हैं. उन्होंने थाना में नुकसान के संबंधित प्राथमिकी (FIR) दर्ज करवा रखी है. बावजूद इसके अब तक उन्हें मुआवजा नहीं मिला.
झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष ने गृह मंत्री से आग्रह किया कि भारत सरकार केंद्रीय गाइडलाइन में संशोधन करे,ताकि उन परिवारों को, जिन्होंनेप्राथमिकी दर्ज करवा रखी है, उनका मूल्यांकन कर मुआवजा का भुगतान जल्द से जल्द किया जा सके.
श्री सेठी ने गृह मंत्री से अपील की कि इस संबंध में राज्य सरकारों को केंद्र की ओर से एक निर्देश जारी किया जाना चाहिए. श्री सेठी ने कहा कि उनके पिछले कार्यकाल में पीड़ित परिवारों के बीच 16 करोड़ रुपये का वितरण किया गया था. कुछ मामले विवादित रह गये हैं, जिनकी वजह से लोगों को मुआवजा नहीं मिल पा रहा. उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार अपनी गाइडलाइन में संशोधन करे, तो दंगा पीड़ित परिवारों को मुआवजा मिलने में आसानी हो जायेगी.
इस पर गृह मंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि यदि राज्य सरकार प्रस्ताव भेजेगी,तो केंद्र सरकार उस पर उचित कार्रवाई करेगी. गृह मंत्री ने कहा कि सिख समुदाय के सभी दंगा पीड़ितोंको मुआवजा भुगतान के लिए केंद्र सरकार कृतसंकल्पित है.
श्री सिंह ने कहा कि हाल ही में वर्ष 1984 में हुए दंगा में मारे गये लोगों के परिवारों को 5 लाख रुपये का भुगतान किया गया है. मृतककी विधवा को पेंशन दी जायेगी. दंगों में जिन लोगों को आर्थिक क्षति हुईऔरअब तक उन्हें मुआवजा नहीं मिला है,ऐसेलोगों को मुआवजादिलाने के लिए राज्य सरकार को एक प्रस्ताव केंद्र को भेजना होगा.