वाशिंगटन: सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी के लापता होने की पृष्ठभूमि में जेपी मोर्गन के सीइओ जेम्स डाइमन और फोर्ड के चेयरमैन बिल फोर्ड ने रियाद में आयोजित होने वाले एक बड़े निवेश सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेने का फैसला लिया है. सीएनबीसी ने यह खबर दी.
वाशिंगटन पोस्ट के लिए लिखने वाले अमेरिका के स्थायी निवासी खशोगी दो अक्तूबर को इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में प्रवेश करने के बाद से लापता हैं. अपनी लेखनी में वह लगातार सऊदी के वली अहद मोहम्मद बिन सलमान की आलोचना कर रहे थे.
रियाद में अगले सप्ताह होने वाले ‘फ्यूचर इंवेस्टमेंट इनिशिएटिव’ से हटने का फैसला लेने वालों में डाइमन और फोर्ड का नाम भी जुड़ गया है.
ब्रिटिश उद्योगपति रिचर्ड ब्रैन्सन और उबर के सीइओ डारा खोस्रोशाही, मीडिया कंपनियां ब्लूमबर्ग और सीएनएन ने भी इस सम्मेलन का हिस्सा नहीं बनने का फैसला लिया है.
तुर्की के अधिकारियों का कहना है कि उनका मानना है कि खशोगी की सऊदी दूतावास के भीतर हत्या कर दी गयी. वहीं सऊदी का दावा है कि वह दूतावास की इमारत से सुरक्षित बाहर निकल गये थे.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खशोगी की हत्या होने का तथ्य सच निकलने पर सऊदी अरब को ‘कड़ी सजा’ की धमकी दी है. वहीं, रियाद ने भी किसी भी दंडात्मक कार्रवाई का खुलकर जवाब देने की बात कही है.