-झामुमो 37, कांग्रेस 16 व झाविमो 13 सीटों पर थे पहले या दूसरे
रांची : आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गयी है. झारखंड में महागठबंधन को लेकर कवायद जारी है. सीटों के बंटवारे को लेकर अभी भी दलों में पेंच फंसा हुआ है. झामुमो ने लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा को लेकर सीट बंटवारे की शर्त रख दी है. साथ ही विधानसभा में 40 सीटों पर दावा पेश किया है. उधर झाविमो ने भी 20 सीटों पर दावेदारी की है. कांग्रेस व राजद के भी अपने-अपने दावे हैं.
क्यों फंस रहा है पेंच
झामुमो पिछले विधानसभा चुनाव में दलों के प्रदर्शन के आधार पर सीट बंटवारे का दावा कर रहा है. कहा जा रहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में जिस पार्टी ने जितनी सीट जीती और जितने पर उसके प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे, उसका संबंधित सीट पर दावा बनना चाहिए. इसको लेकर कवायद भी शुरू कर दी गयी है. अगर पिछले विधानसभा चुनाव का परिणाम देखा जाये, तो झामुमो ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की थी. उप चुनाव को मिला दिया जाये तो झामुमो के प्रत्याशी 18 सीटों पर दूसरे स्थान पर रहे. राजमहल व बोरियो में झामुमो प्रत्याशी के हार का अंतर 702 व 712 मत था. टुंडी में झामुमो के मथुरा महतो 1126 मतों से पराजित हुए थे. झामुमो जिन 18 सीटों पर दूसरे स्थान पर रहा था, उसमें से सात सीटों पर जीत का हार का अंतर 5000 मत रहा था. लिट्टीपाड़ा, गोमिया, सिल्ली में हुए उप चुनाव में झामुमो के उम्मीदवारों ने जीत कर अपनी सीट बरकरार रखी.
कांग्रेस का हाल
जहां तक कांग्रेस का सवाल है उसने पिछले विधानसभा चुनाव में छह सीटें जीती थी. लोहरदगा उप चुनाव में सुखदेव भगत की जीत से कांग्रेस की सीट बढ़ कर सात हो गयी. दो दिन पहले जय भारत समानता पार्टी की विधायक गीता कोड़ा के कांग्रेस में शामिल होने से विधायकों की संख्या अब बढ़ कर आठ हो गयी है. झाविमो को पिछले विधानसभा में आठ सीटें मिली थी. चुनाव के बाद पार्टी के छह विधायक भाजपा में शामिल हो गये. ऐसे में पार्टी में वर्तमान विधायकों की संख्या घट कर सिर्फ दो रह गयी है. झाविमो पांच सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी. राजद का कोई भी प्रत्याशी पिछले विधानसभा में चुनाव नहीं जीत पाया था. हालांकि दूसरे नंबर पर पार्टी के छह प्रत्याशी रहे थे.